भारत की पहली ट्रांसजेंडर न्यायाधीश जोयिता मंडल ने अपने समुदाय के सदस्यों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग की है। उन्होंने ट्रांसजेंड के लिए इसकी आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि पुलिस फोर्स और रेलवे जैसे क्षेत्रों में उनके प्रवेश से उनके प्रति समाज का नजरिया बदलेगा और उनकी उन्नति में मदद मिलेगी।
लिट चौक में शामिल होने पहुंचे थे
मंडल ने कहा कि उनके समुदाय को भी देश में पर्याप्त संख्या में शेल्टर होम्स की जरूरत है और सरकार को इस संबंध में एक योजना शुरू करनी चाहिए। जोयिता मंडल ने शुक्रवार(16 दिसंबर) को इंदौर में आयोजित संस्कृति और साहित्य उत्सव लिट चौक में भाग लेने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा-“ट्रांसजेंडर समुदाय को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देना बहुत महत्वपूर्ण है। अगर मेरे पास नौकरी नहीं है, तो मुझे कौन खिलाएगा?”
जोयिता ने कहा कि यदि आरक्षण के आधार पर ट्रांसजेंडर व्यक्ति पुलिस बल और रेलवे में शामिल होते हैं, तो इससे न केवल समुदाय के सदस्यों को जीवन में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी, बल्कि उनके प्रति समाज का दृष्टिकोण भी बदलेगा। जोयिता ने कहा कि अधिकारियों को अपने समुदाय के सदस्यों और उनके सामने आने वाली समस्याओं के प्रति अधिक संवेदनशील होना चाहिए।