उन्नाव जिले में विदेशी मुद्रा का लालच देकर व्यापारियों को ठगने वाला बांग्लादेशी गिरोह बेहद शातिर निकला। पुलिस के मुताबिक, वे बातचीत की रिकॉर्डिंग से बचने के लिए आईएमओ ऐप का इस्तेमाल करते थे। अफरोजा नाम की महिला ने 700 दिनों में 950 सिम बदले, जो फर्जी पहचान पत्र के जरिए लिए गए थे।
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पुलिस के मुताबिक जांच में पता चला है कि आरोपी अफरोजा जिस सिम का एक बार प्रयोग कर लेती थी, उसे दूसरे से बात करने में प्रयोग नहीं करती थी। आरोपी अब्दुल जलील के पास मिले दो आधार कार्डों में एक मथुरा का है। वोटर कार्ड दिल्ली का मिला है। दिल्ली से उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी है। हामीदा के पास अलोमनगर बांग्लादेश का पहचान पत्र मिला है।
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जल्द ही नेटवर्क के अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया जाएगा
इन सभी लोगों ने यह पहचान पत्र कैसे बनवाए, किन लोगों ने मदद की इसका पता लगाया जा रहा है। गिरोह से ऐसे लोगों के भी जुड़े होने की पुख्ता प्रमाण हैं जो फर्जी आईडी पर सिम उपलब्ध कराते थे। यह सिम देने वालों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। जल्द नेटवर्क के और सदस्यों को भी दबोचा जाएगा।
कबाड़ी के रूप में रह रहे थे, कई जिलों में ठगी को अंजाम दे चुके थे
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने सदर कोतवाली के गदनखेड़ा स्थित सब्जी मंडी के पास अपना आशियाना बना रखा था, कोई पहचान न ले इसलिए कबाड़ी का काम करते थे। करीब 10 साल से अलग-अलग जिलों में जाकर ठगी कर चुके थे। बताया कि सिद्दिकी नाम का युवक गदनखेड़ा चौराहे पर गाड़ी से आकर 50 रियाल देकर चला जाता था। वह कहां रहता है और किसके कहने पर आता था, यह आरोपियों ने पता न होने की बात बताई है।
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अब्दुल जलील का ढाका के खुलना बाजार बैंक शाखा में है खाता
कोतवाल राजपाल ने बताया कि जांच में पता चला कि अब्दुल जलील का बांग्लादेश के ढाका स्थित खुलना बाजार बैंक शाखा में खाता है, उसमें रुपये भी ट्रांसफर हुए हैं। आरोपी मासूम मुल्ला ने पत्नी के पश्चिम बंगाल स्थित बैंक खाते में रुपये भेजे हैं। तीसरी आरोपी हमीदा का बांग्लादेश के इस्लामी बैंक में खाता मिला है। 23 फरवरी को उस बैंक में रुपये ट्रांसफर करने की इंट्री मिली है। मामले की जांच आईबी (इंटलीजेंस ब्यूरो) भी कर रहा है।
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यह है पूरी घटना
जिले के बीघापुर में रुपये के बदले ज्यादा रियाल देने का लालच देकर ठगी करने वाले पांच बांग्लादेशियों को पुलिस ने दबोचा है। एसपी ने बताया कि यह सभी बांग्लादेशी हैं और छह साल पहले पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में दाखिल हुए। फर्जी निवास प्रमाणपत्र बनवाकर चोरी छिपे दिल्ली फिर मथुरा में रहने लगे। भारत में पासपोर्ट बनवाकर वीजा लेकर बांग्लादेश भी जाते थे।
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कागज की गड्डी पोटली में देकर फरार हो गए
गिरोह के सरगना के बांग्लादेश के बैंक अकाउंट में आठ लाख टका जमा होने की पुष्टि हुई है। अन्य की जांच जारी है। एसपी दीपक भूकर ने बताया कि रायबरेली के थाना लालगंज के नवरंग का पुरवा निवासी मानू सोनी ने 21 फरवरी को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि एक महिला व दो अज्ञात युवकों ने दो लाख की भारतीय करेंसी के बदले तीन लाख रियाल (सऊदी अरब की करेंसी) देने का लालच देकर 1.55 लाख रुपये की ठगी कर ली। रुपये लेकर एक पोटली में कागज की गड्डी थमाकर भाग गए थे।
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कबाड़ी के रूप में रह रहे पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया
जांच में जुटी पुलिस टीमों ने सर्विलांस की मदद से फोन नंबर के आधार पर लोकेशन की जानकारी हासिल की और सदर कोतवाली में सब्जी मंडी के पास कबाड़ी बनकर रह रहे पांच लोगों को पकड़ा। एसपी ने बताया कि जांच में पता चला कि यह सभी बांग्लादेशी हैं और करीब छह साल पहले पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में घुसपैठ की थी। सबसे पहले गिरोह का सरगना अब्दुल जलील दिल्ली व अन्य शहरों में चोरी छिपे रहता रहा।
सभी के बांग्लादेशी नागरिक होने की पुष्टि हुई
इसके बाद मथुरा जिले से निवास प्रमाणपत्र बनवा लिया और बाद में अन्य लोगों को बुला लिया और धोखाधड़ी करके यहीं के निवास प्रमाण पत्र बनवा लिए। आरोपियों ने बताया है विदेशी मुद्रा को सस्ती दर में देने का लालच देकर लोगों को अपने जाल में फंसाकर ठगी करते थे। यह सभी लोग भारत के पासपोर्ट से कई बार बांग्लादेश भी जा चुके हैं। एसपी के मुताबिक, इनके पास से मिले मोबाइल नंबर और टैट लिस्ट से इन सभी के बांग्लादेशी होने का पता चला है।
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अनेक थानों में मुकदमे दर्ज हैं
पकड़े गए आरोपियों के पास से 44020 रुपये, अवैध कागजात, बाइक, 16 मोबाइल फोन, सिम कार्ड, बांग्लादेशी वीजा, पासपोर्ट, नोटनुमा मोड़कर बनाए गए कागज के बंडल, बैंक ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट पुलिस ने बरामद किए हैं। बाइक सीज कर दी गई है। पकड़े गए बांग्लादेशी शातिर हैं। इसमें मिंटू, अफरोजा, हमीदा पर हरदोई की सदर कोतवाली, थाना बिलग्राम में रिपोर्ट दर्ज है।
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गिरोह काफी विशाल है
अब्दुल जलील पर सदर कोतवाली उन्नाव में दो मामले दर्ज हैं। एसपी ने बताया कि रियाल उपलब्ध कराने वाले दिल्ली के युवक का भी पता लगाया जा रहा है। यह गिरोह काफी बड़ा है, अन्य लोगों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। जांच चल रही है। इन बांग्लादेशियों ने जाली पहचान पत्र कैसे बनवाए, कहां और कितने दिनों से रह रहे थे। आवश्यक होने पर रिमांड पर लेकर भी और जानकारी जुटाई जाएगी।
यह किया गया बरामद
11 मोबाइल फोन कीपैड, मोबाइल स्मार्ट फोन, छह सिम कार्ड अलग कंपनी के, एक बांग्लादेशी सिम, तीन पैन कार्ड, चार आधार कार्ड, सरगना अब्दुल जलील के दो आधार कार्ड अलग-अलग पते के और दिल्ली के पते की वोटर आईडी, एक आईडी कार्ड बांग्लादेश का, बांग्लादेश और एक भारतीय वीजा की फोटो कॉपी, रुमिशा बेगम के नाम का एक पासपोर्ट, जलील का बांग्लादेश का पहचान पत्र, हमिदा का पासपोर्ट, बांग्लादेशी पहचान पत्र अलोमगर का, जलील का भारतीय पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और बांग्लादेशी वीजा, परवीन नाम की महिला के बांग्लादेश के बैंक खाते में भेजे गए रुपये की तीन ट्रांजेक्शन स्टेटमेंट, एक बाइक।
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