ओडिशा और आंध्र प्रदेश में चक्रवाती तूफान ‘तितली’ ने पिछले दो दिनों में जबरदस्त तबाही मचाई। अब इन राज्यों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है, जबकि कई जगहों पर तो बाढ़ ने दस्तक भी दे दी है। दोनों राज्यों के कई जिलों में गुरुवार को भारी बारिश हुई और शुक्रवार को भी कुछ जगहों पर भारी बारिश और दूरदराज के इलाकों में अत्यधिक बारिश हो रही है।
अधिकारियों ने बताया कि दोनों राज्यों में तूफान की वजह से गुरुवार को कम से कम 12 लोग मारे गए, जबकि कई जगहों पर भूस्खलन भी हुए, जिसकी वजह से बिजली, जल आपूर्ति और दूरसंचार सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गईं।
ओडिशा का गंजम जिला इस तूफान की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। इसके अलावा आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में भी चक्रवात तूफान ‘तितली’ ने अपना कहर बरपाया। इसकी वजह से दोनों राज्यों के तटीय इलाकों में गुरुवार को भारी बारिश हुई।
हालांकि चक्रवाती तूफान के ओडिशा और आंध्र प्रदेश में दस्तक देने से पहले ही ऐहतियातन राज्य के तटीय इलाकों से करीब 3 लाख लोगों को बाहर निकाल लिया गया था। ओडिशा के 18 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया था। दोनों राज्यों में एनडीआरएफ की टीमें गुरुवार से ही तैनात हैं।
इन जगहों पर बाढ़ का खतरा
चूंकि ‘तितली’ तूफान की उच्च गति से आई हवाओं ने गंजम जिले में ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन इसकी वजह से हुई तेज बारिश से जिले के भंजनगर ब्लॉक में बाढ़ आ गई। गुरुवार शाम से ही गंजम, गजपति और रायगढ़ में रशिकुल्य और वंसधारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जबकि बालासोर में जलाका नदी लगातार हो रही तेज बारिश के कारण खतरे के निशान से छह मीटर ऊपर बह रही है।
गुरुवार को ओडिशा के गजपति जिले में 315 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे अथरणला पुल पर पानी भर गया और इसकी वजह से जिले के मोहन ब्लॉक के आठ पंचायतों का संपर्क एक-दूसरे से टूट गया।
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