• Sat. Jan 18th, 2025

    बजट 2025: आयकर छूट या कैपेक्स पर जोर? रिपोर्ट से क्या हुआ खुलासा?

    निर्मला सीतारमण

    बजट 2025 की तारीख करीब आ गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट संसद में पेश करेंगी। इस बार के बजट में व्यक्तिगत आयकर दाताओं को राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है।आईसीआरए (इनवेस्टमेंट इन्फॉर्मेशन और क्रेडिट रेटिंग एजेंसी) ने अपनी एक रिपोर्ट में भी इस बात का अनुमान व्यक्त किया है।

    Also Read: ओडिशा सीमेंट फैक्ट्री हादसा में कोल हॉपर गिरा, मजदूरों के फंसे होने की आशंका, बचाव कार्य जारी

    आयकर राहत और कर संग्रह में वृद्धि के अनुमान

    आईसीआरए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आगामी बजट में सरकार व्यक्तिगत आयकरदाताओं को थोड़ी राहत दे सकती है, लेकिन इसका असर कर संग्रह पर नहीं पड़ेगा। वित्त वर्ष 2026 के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान जताया गया है, जो आय और कॉर्पोरेट कर राजस्व में वृद्धि पर आधारित है।

    अप्रत्यक्ष करों में 9 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है, जबकि जीएसटी संग्रह में 10.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
    सीमा शुल्क के प्रवाह में 5 प्रतिशत की मामूली वृद्धि का अनुमान है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिका
    द्वारा भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाए जाने के कारण स्थिति में अभी अनिश्चितता बनी हुई है।

    Also Read: Virat Kohli’s Ranji Return After 11 Years?

    रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वित्त वर्ष 2026 में सकल कर राजस्व (जीटीआर) में समग्र वृद्धि 10 प्रतिशत की नॉमिनल जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान से थोड़ी अधिक होने की संभावना है, जिसका मतलब है कर संग्रह में बढ़ोतरी।

    रिपोर्ट में राजस्व घाटे पर भी चर्चा की गई है। वित्त वर्ष 2026 के दौरान राजकोषीय घाटे में 16 ट्रिलियन रुपये की बढ़ोतरी का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 2025 में यह 15.4 ट्रिलियन रुपये था।

    Also Read: बीसीसीआई की सख्ती: टीम में विवाद और खराब प्रदर्शन के बाद लागू की नई पाबंदियां

    हालांकि, यदि जीडीपी के प्रतिशत के रूप में देखा जाए, तो राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2025 में 4.8 प्रतिशत से
    घटकर 4.5 प्रतिशत हो सकता है।

    रिपोर्ट में कहा गया है, “आईसीआरए राजकोषीय घाटे के लक्ष्यों या केंद्र सरकार ऋण/जीडीपी अनुपात पर किसी
    महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश का इंतजार कर रहा है।” रिपोर्ट अनुसार, आंकड़ों पर सरकार द्वारा आठवें वेतन आयोग के
    गठन की घोषणा का भी प्रभाव पड़ेगा।

    पूंजीगत व्यय, राजकोषीय घाटा और आर्थिक स्थिरता पर आईसीआरए के अनुमान

    Also Read: Dense Fog Delays 100+ Flights, 27 Trains in Delhi

    आईसीआरए को वित्त वर्ष 2026 में लगभग 11 ट्रिलियन रुपये के पूंजीगत व्यय की उम्मीद है, पिछले वर्ष की बजट
    घोषणाओं के अनुरूप है। यह राशि वित्त वर्ष 2025 के 9.7 ट्रिलियन रुपये से 12-13% अधिक होगी।
    सरकार पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर विनिर्माण रोजगार सृजन और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है,
    ताकि वित्त वर्ष 2025 में शहरी खपत और निवेश गतिविधियों में आई मंदी का सामना किया जा सके।

    रिपोर्ट में कहा गया है राजकोषीय घाटे को आकार देने और वित्त वर्ष 2026 में पूंजीगत व्यय के लिए अतिरिक्त स्थान
    बनाने में गैर-कर राजस्व, खासकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लाभांश, महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

    आगामी बजट में राजकोषीय अनुशासन को बनाए रखते हुए आर्थिक विकास को प्राथमिकता दिए जाने की संभावना है,
    जिससे देश की अर्थव्यवस्था में दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित होगी।

    Also Read: महाकुंभ 2025: नागा साधुओं की अद्भुत सेना, अतीत से जुड़ी आध्यात्मिक यात्रा

    Share With Your Friends If you Loved it!
    One thought on “बजट 2025: आयकर छूट या कैपेक्स पर जोर? रिपोर्ट से क्या हुआ खुलासा?”

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *