पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की जमानत याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने खारिज कर दी है। शुक्रवार को कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुनाया, जिसमें प्रजापति की याचिका को ठुकरा दिया गया। प्रजापति पर दुष्कर्म का गंभीर आरोप था, जिसके तहत उन्हें उम्रकैद की सजा दी गई है। उन्होंने सत्र अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
दुष्कर्म मामले में गायत्री प्रजापति की जमानत याचिका खारिज
गायत्री प्रजापति पर एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था, जिसके बाद सत्र अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी, साथ ही जमानत पर रिहा किए जाने की अर्जी भी लगाई थी। 10 सितंबर को कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसले को सुरक्षित रख लिया था।
शुक्रवार को हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस फ़ैज आलम ने गायत्री प्रजापति की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने माना कि दुष्कर्म के इस मामले में अपराध गंभीर है और जमानत दिए जाने के पर्याप्त आधार नहीं हैं। अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में जमानत देना न्यायिक प्रक्रिया के विपरीत होगा।
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