उत्तराखंड में एक बार फिर कुदरत ने भारी तबाही मचाई है। चमोली के तपोवन इलाके में ग्लेशियर फटने से कई गांव तबाह हो गए हैं। हादसा इतना भीषण हुआ है कि आस-पास के कई गांवों का संपर्क टूट गया है। ग्लेशियर टूटने से अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 170 से ज्यादा लोग लापता है। हालांकि अबतक 28 लोगों को रेक्स्यू कर लिया गया है और माना जा रहा है कि अभी दूसरी टनल में करीब 30 लोग फंसे हुए हैं।
लोगों को बचाने के लिए रात में भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। रेस्क्यू ऑपरेशन में NDRF, SDRF, ITBP, SSB के साथ भारतीय वायुसेना भी जुटी है। वहीं उत्तराखंड में तबाही का जायजा लेने आज वैज्ञानिकों की दो टीमें जोशीमठ और तपोवन का दौरा करेंगी। वैज्ञानिकों की इस टीम में ग्लेशियर की जानकारी रखने वाले ग्लेशियोलॉजिस्ट शामिल होंगे। वैज्ञानिकों की ये टीम ग्लेशियर टूटने की वजहों का पता लगाएगी। साथ ही DRDO एक्सपर्ट की एक टीम भी जोशीमठ का दौरा करेंगी। DRDO की टीम आसपास के ग्लेशियरों का जायजा लेंगी।
हादसे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है। SDRF, NDRF, सेना, वायुसेना, ITBP और SSB के जवान समेत मरीन कमांडो को भी तैनात किया गया है।
उत्तराखंड हादसे पर ITBP की DIG अपर्णा कुमार ने कहा कि बड़ी टनल को 70-80 मीटर खोला गया है, जहां जेसीबी से मलबा निकाला जा रहा है। ITBP की DIG अपर्णा कुमार के मुताबिक, टनल में कल से 30-40 लोग फंसे हुए हैं, जबकि क़रीब 153 लोग लापता हैं।
उत्तराखंड हादसे पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी दुख जताया है। राज्यसभा में आज वेंकैया नायडू ने कहा उन्होंने सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत से बात कर पूरे हालात का जायजा लिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि वे गृह मंत्रालय से भी बात करेंगे।ग्लेशियर टूटने एनटीपीसी का तपोवन डैम पूरी तरह से बह चुका है, जिसकी जानकारी इंडियन एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर ने रेकी करके दी है। वहीं मलारी वैली के एंट्रेंस पर दो ब्रिज भी बह गए हैं।
ग्लेशियर टूटने से तपोवन प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हुआ। ऋषि गंगा हाइडेल प्रोजेक्ट भी पूरी तरह से बर्बाद हुआ है। इंडियन एयरफोर्स के AN-32 से नेवी के मरीन कमांडो के साथ रिलीफ मटीरियल लेकर हवाई अड्डे पहुंचा गय़ा है।