वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को सभी टैक्सपेयर्स के लिए कॉमन आईटीआर फॉर्म का ड्राफ्ट जारी किया है. जिसके तहत वर्चुअल डिजिटल संपत्ति से आय का एक अलग शीर्षक के तहत खुलासा करना होगा. CBDT ने 15 दिसंबर तक कॉमन ITR ड्राफ्ट पर राय मांगी है. इस कॉमन ITR आने से लोगों को टैक्स फाइलिंग में आसानी होगी.
सीबीडीटी के मुताबिक, ITR-1 से ITR-6 तक कॉमन फॉर्म होगा. केवल ITR-7 ही अलग होगा. ITR-1, ITR-4 भी जारी रहेंगे ताकि लोग पुराने भी जारी रख सकें. कॉमन ITR आने से लोगों को टैक्स फाइल करना आसाना होगा.
वर्तमान में 7 प्रकार के हैं आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म
वर्तमान में, 7 प्रकार के आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म हैं जो विभिन्न श्रेणियों के करदाताओं द्वारा दाखिल किए जाते हैं. आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) सरल रूप हैं जो बड़ी संख्या में छोटे और मध्यम करदाताओं के लिए इस्तेमाल होते हैं. सहज 50 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्ति द्वारा दायर किया जा सकता है, ऐसी आय वेतन, गृह संपत्ति / अन्य स्रोतों (ब्याज आदि) से प्राप्त होती है.
वहीं आईटीआर -4 व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) और फर्मों द्वारा भरा जा सकता है जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है और व्यवसाय और पेशे से होती है. आईटीआर-2 आवासीय संपत्ति से आय वाले लोगों द्वारा, आईटीआर-3 को व्यवसाय / पेशे से लाभ के रूप में आय वाले लोगों द्वारा, आईटीआर-5 और 6 को क्रमशः एलएलपी और व्यवसायियों द्वारा भरा जाता है, जबकि आईटीआर-7 ट्रस्टों द्वारा भरा जाता है.