बीएसई Sensex ने 25 जुलाई, 1990 को पहली बार 1000 अंक के आंकड़े को छुआ था। शुक्रवार को इसने पहली बार 60,000 का ऐतिहासिक स्तर पार किया है। बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स के लिए यह सफर ऐतिहासिक और यादगार है। सेंसेक्स को 1000 के स्तर से 60,000 के आंकड़े तक पहुंचने में पूरे 31 साल का समय लगा है। इन सालों में, बीएसई सेंसेक्स ने कई रिकॉर्ड बनाए हैं। इंडेक्स पहली बार 6 फरवरी, 2006 को 10,000 के आंकड़े पर पहुंचा था।
29 अक्टूबर, 2007 को सेंसेक्स ने 20,000 के स्तर को पार किया था और इसके बाद 4 मार्च, 2015 को बेंचमार्क ने 30,000 का आंकड़ा छुआ था। 23 मई, 2019 को बीएसई बेंचमार्क ने 40,000 के जादुई नंबर को हासिल कर इतिहास रचा था। 21 जनवरी, 2021 को सेंसेक्स ने सर्वकालिक उच्च स्तर 50,000 के आंकड़े को पार किया था। यहां रोचक बात यह है कि सेंसेक्स ने 50 हजार और 60 हजार दोनों आंकड़ों को वर्ष 2021 में ही हासिल किया है। यह कोविड-19 महामारी के कारण उत्तपन्न व्यवधान के बावजूद बाजार की मजबूती को प्रदर्शित करता है।
4 प्रमुख कंपनियों का सबसे ज्यादा योगदान
शेयर बाजार में 50 हजार से 60 हजार प्वाइंट तक यात्रा का नेतृत्व विभिन्न कंपनियों द्वारा किया गया है. लेकिन चार कंपनियों का योगदान सबसे ज्यादा रहा है. सेंसेक्स के 50,000 प्वाइंट से 20 फीसदी की बढ़त में सबसे बड़ा योगदान इंफोसिस (30 फीसदी ऊपर), रिलायंस इंडस्ट्रीज (19 फीसदी ऊपर), आईसीआईसीआई बैंक (30 फीसदी ऊपर) और भारती एयरटेल (25 फीसदी ऊपर) का रहा है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में सूचकांक कंपनियों की इनकम 35 फीसदी से अधिक और अगले वित्त वर्ष में 20 फीसदी से अधिक की दर से बढ़ेगी. साथ ही, बढ़ता कोरोना टीकाकरण और कोरोना महामारी की तीसरी लहर का खतरा कम होने के बीच आर्थिक विकास में तेजी आने की उम्मीद है.