भारत के दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी बाईचुंग भूटिया को हराकर कल्याण चौबे एआईएफए के नए अध्यक्ष बने हैं। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के 85 साल के इतिहास में पहली बार किसी पू्र्व खिलाड़ी को अध्यक्ष चुना गया है। कल्याण चौबे मोहन बागान और पूर्वी बंगाल के पूर्व गोलकीपर रहे हैं। 45 वर्षीय चौबे ने भाईचुंग भूटिया को 33-1 के अंतर से हराया। इसकी उम्मीद पहले की जा रही थी, क्योंकि राज्य संघ से बनी 34 सदस्यीय मतदाता सूची में कई लोग पूर्व कप्तान भूटिया के समर्थन में नहीं थे।
‘सिक्किम के स्नाइपर’ के नाम से पहचाने जाने वाले 45 वर्षीय भूटिया को नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए उनके राज्य संघ के प्रतिनिधि ने भी प्रस्तावक या अनुमोदक बनने में रुचि नहीं दिखाई। भूटिया के नाम का प्रस्ताव आंध्र फुटबॉल संघ ने किया। वहीं, राजस्थान फुटबॉल संघ ने उसका अनुमोदन किया। भूटिया ने इससे पहले भी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा था। तब उनके नाम का प्रस्ताव उनके पूर्व साथी खिलाड़ी दीपक मंडल ने किया था जबकि प्रतिष्ठित महिला फुटबॉलर मधु कुमारी ने उसका अनुमोदन किया था। हालांकि, वो तब भी चुनाव नहीं जीत सके थे।
चौबे कभी भी भारत की सीनियर टीम के लिए नहीं खेले
पश्चिम बंगाल में कृष्णानगर सीट से पिछला संसदीय चुनाव हारने वाले भाजपा नेता चौबे कभी भी भारत की सीनियर टीम के लिए नहीं खेले, हालांकि वे कुछ मौकों पर टीम में थे। उन्होंने जूनियर स्तर पर कई अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। वह मोहन बागान और पूर्वी बंगाल दोनों के लिए गोलकीपर रह चुके थे। पूर्वी बंगाल के लिए भूटिया और चौबे दोनों साथ में भी खेल चुके हैं।
कर्नाटक फुटबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष एन ए हारिस, ने राजस्थान फुटबॉल एसोसिएशन के मानवेंद्र सिंह को हराकर उपाध्यक्ष के एकमात्र पद का चुनाव जीता। हारिस कांग्रेस विधायक के मौजूदा विधायक भी हैं। कोषाध्यक्ष पद के लिए अरुणाचल प्रदेश के किपा अजय ने आंध्र प्रदेश के गोपालकृष्ण कोसाराजू को हराया। कोसरजू और मानवेंद्र ने भूटिया का प्रस्ताव और समर्थन किया था।
कार्यकारी समिति के सदस्यों के पदों के लिए नामांकन दाखिल करने वाले सभी 14 उम्मीदवारों को निर्विरोध चुना गया।