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    यूपी के कानपुर शहर में दो पक्षों के बीच हुए बवाल के बाद पुलिस की धरपकड़ और छापेमारी की कार्रवाई जारी है। इस बीच कानपुर पुलिस को एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी की तलाश में जुट गई है, जिसे इस हिंसा का मास्‍टरमाइंड बताया जा रहा है।

    बता दें कि हाशमी समेत कई नेताओं ने दिए बयान। बीजेपी नेत्री नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए गए बयान के विरोध में जुलूस निकाला था और इस दौरान वे अन्य समुदाय के सदस्यों से भिड़ गए। इस दौरान हुई झड़पों में कई लोग घायल हुए हैं जिनमें आधा दर्जन से अधिक गंभीर रूप से घायल हैं। इसके अलावा कई कारों के साथ बाइक और स्‍कूटी को भी नुकसान पहुंचा है।

    कानपुर में बाजार बंदी की आड़ में हजारों लोग जुटाए गए

    कानपुर में बाजार बंदी की आड़ में हजारों लोग जुटाए गए। इस साजिश की भनक पुलिस और प्रशासन को नहीं लग सकी। वहीं, पुलिस की जांच में बड़ी साजिश की बात सामने आई है, क्योंकि बगैर साजिश इतना बड़ा बवाल कराना संभव नहीं है। भाजपा प्रवक्ता के बयान के बाद से ही साजिश रचनी शुरू हुई थी। इलाकों में बाकायदा पोस्टर चस्पा करने के साथ साथ पर्चे बांटे गए, जिसमें तीन तारीख को आह्वान किया गया था।

    आह्वान करने वाले एक संगठन के शख्स का दावा है कि उसने बंदी निरस्त कर दी थी, उसका कोई लेनादेना नहीं है। पुलिस उस पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। भाजपा प्रवक्ता के बयान आने के बाद हयात जफर हाशमी ने तीन जून को बाजार बंद करने का एलान किया था। वीडियो मैसेज भी जारी किया था। पर्चे बांटकर बाकायदा पोस्टर भी लगाए गए थे।

    कई साजिशकर्ता हैं शामिल, खुफिया भी लगाई गई

    अभी हयात का नाम सामने आया है। मगर पुलिस अफसरों का कहना है कि इसके पीछे कहीं न कहीं कई और लोग भी शामिल हैं। जो भीड़ जुटाने से लेकर बवाल कराने में शामिल रहे हैं। पुलिस ऐसे लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है। खुफिया भी अपने स्तर से ऐसे लोगों को चिह्नित करने का प्रयास कर रही है। पुलिस के कई अन्य विंग ने भी गोपनीय तरीके से जांच शुरू कर दी है। 

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