विमानन निदेशालय डीजीसीए ने एयर इंडिया पर कार्रवाई की। उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इस संबंध में जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि वैध टिकट रखने वाले यात्रियों को बोर्डिंग से इनकार करने पर डीजीसीए ने एयर इंडिया पर यह जुर्माना लगाया।
विमानन नियामक डीजीसीए ने मंगलवार को कहा कि उसने वैध टिकट रखने वाले यात्रियों को बोर्डिंग से इनकार करने और उसके बाद यात्रियों को अनिवार्य मुआवजा नहीं देने के लिए एयर इंडिया पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एक बयान में कहा, एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और व्यक्तिगत सुनवाई भी की गई थी।
डीजीसीए ने एयर इंडिया पर यह कहा
डीजीसीए ने इसे एक गंभीर और चिंता का विषय करार देते हुए एयरलाइन को सलाह दी है कि वह इस मुद्दे को हल करने के लिए तुरंत सिस्टम लगाए, ऐसा नहीं करने पर डीजीसीए द्वारा आगे और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी यात्री को वैध टिकट होने के बावजूद बोर्डिंग से वंचित कर दिया जाता है और उसने समय पर हवाई अड्डे पर सूचना दी है, तो डीजीसीए के अनुसार संबंधित एयरलाइन को कुछ नियमों का पालन जरूर करना होगा।
विमानन निदेशालय की ओर से नियमों का हवाला देते हुए कहा गया कि यदि संबंधित एयरलाइन एक घंटे के भीतर प्रभावित यात्री के लिए वैकल्पिक उड़ान की व्यवस्था करने में सक्षम है, तो कोई मुआवजा नहीं दिया जाना होता है। वहीं अगर एयरलाइन अगले 24 घंटों के भीतर वैकल्पिक व्यवस्था प्रदान करने में सक्षम है, तो नियमों में 10,000 रुपये तक का मुआवजा निर्धारित किया गया है। 24 घंटे से अधिक के लिए 20,000 रुपये तक का मुआवजा निर्धारित किया गया है।
डीजीसीए ने मंगलवार को कहा कि इस विषय पर हमारी शर्तें अमेरिकी विमानन नियामक एफएए और यूरोपीय विमानन नियामक ईएएसए के अनुरूप हैं और यात्री अधिकारों को उचित सम्मान देने के लिए वैश्विक स्तर पर इसी तरह के नियमों का पालन किया जाता है। यहां बता दें कि हाल ही में डीजीसीए ने सभी घरेलू एयरलाइनों को उक्त नियम का अक्षरश: पालन करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए थे। डीजीसीए ने बीते दो मई को एक ई-मेल में सभी भारतीय वाहकों को बोर्डिंग से इस तरह के इनकार से प्रभावित यात्रियों को मुआवजा और सुविधाएं देने के लिए कहा था और हिदायत दी थी कि ऐसा नहीं करने पर उन पर वित्तीय दंड लगाया जाएगा।