RBI की मौद्रिक समिति की आज विशेष बैठक होने जा रही है। आरबीआई की इस बैठक में आसमान छूती महंगाई को काबू पाने में विफल रहने को लेकर चर्चा होगी। साथ ही उनका समाधान निकालने के उपाय पर फैसला हो सकता है। गौरतलब है कि इस साल जनवरी से ही महंगाई दर लगातार 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। यह आरबीआई-सरकार के लक्ष्य से ऊपर है। भारत सरकार ने आरबीआई को महंगाई चार प्रतिशत ( दो प्रतिशत अधिक या दो प्रतिशत कम) के भीतर रखने का लक्ष्य दे रखा है। हालांकि, यूक्रेन और रूस युद्ध के बाद ऐसा करना मुश्किल हो रहा है। इस साल सितंबर में भी खुदरा महंगाई दर (सीपीआई) 7.4 प्रतिशत पर दर्ज की गई। वहीं, पिछले छह महीने से महंगाई लगातार 6 प्रतिशत के ऊपर बनी हुई है। ऐसे में जानकारों का कहना है कि आरबीआई एक बार फिर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला ले सकता है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दर में 75 आधार अंक की एक और बढ़ोतरी कर दी है। इसके बाद आरबीआई द्वारा यहां भी ब्याज दर में बड़ी बढ़ोतरी की संभावना बढ़ गई है।
पहली बार इस तरह की विशेष बैठक
मौद्रिक समित के गठन के बाद यह पहली बार है जब आरबीआई ने इस तरह की विशेष बैठक बुलाई है। साल 2016 में मौद्रिक नीति निर्धारण के लिए एमपीसी का गठन किया गया था। उसके बाद से एमपीसी ही नीतिगत ब्याज दरों के बारे में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई बनी हुई है। आरबीआई इस बैठक में सरकार को जवाब देगी कि वह क्यों महंगाई को कम करने में सफल नहीं हो पा रही है। साथ ही आगे की रणनीति की भी जानकारी सरकार को देगी। उल्लेखनीय है कि आसमान छूती महंगाई के कारण आम जनता पर बोझ बढ़ा है। खाने-पीने के सामान से लेकर सभी जरूरी चीजें महंगी हो गई है।
भारतीय शेयर बाजार की नजर रहेगी
मार्केट के जानकारों का कहना है कि आज आरबीआई की बैठक पर भारतीय शेयर बाजार की नजर रहेगी। बाजार यह जनना चाहेगा कि क्या आने वाले दिनों में महंगाई कम होगी। अगर होती तो कब तक। साथ ही आर्थिक सुस्ती को लेकर आरबीआई का क्या कहना है। इसके आधार पर आज बाजार की चाल तय होगी। फेड की दरों में बढ़ोतरी के बाद बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।