महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने हाल ही में रक्षा बंधन पर अपनी बहन से मिलने की संभावनाओं को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह फिलहाल एक यात्रा पर हैं, लेकिन अगर वे और उनकी बहनें उस दिन एक ही स्थान पर होंगे, तो वह जरूर उनसे मिलेंगे। इस बयान पर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री दीपक केसरकर ने महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया दी है।
दीपक केसरकर ने सलाह दी है कि अजित पवार के बयान का गलत मतलब निकालने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीति और परिवार को अलग रखना चाहिए। एक भाई के तौर पर अजित पवार का यह कर्तव्य है कि वह रक्षाबंधन पर अपनी बहन से मिलें, लेकिन एक राजनीतिक नेता के रूप में उन्हें महायुति के हित में भी सक्रिय रहना चाहिए।
अजित पवार ने लोकसभा चुनाव की गलती मानी
अजित पवार ने मंगलवार को स्वीकार किया था कि इस साल लोकसभा चुनाव में अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ उतारना एक गलती थी। उन्होंने कहा कि राजनीति और परिवार को अलग रखा जाना चाहिए। पवार ने यह भी कहा कि यह निर्णय राकांपा के संसदीय बोर्ड ने लिया था, और अब उन्हें लगता है कि यह निर्णय गलत था।
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लोकसभा चुनाव में, सुनेत्रा पवार ने बारामती सीट पर राकांपा की सुप्रिया सुले को चुनौती दी थी, लेकिन हार का सामना किया। बाद में, सुनेत्रा को राज्यसभा भेजा गया। इसके बाद, अजित पवार ने कई विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होकर राकांपा को दो फाड़ कर दिया। निर्वाचन आयोग ने अजित के गुट को असली राकांपा घोषित किया, जिससे पार्टी की साख और भविष्य पर बड़ा सवाल उठ गया।
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