शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने सीएम एकनाथ शिंदे गुट के सांसद राहुल शेवाले को फ्लोर लीडर के रूप में मान्यता देने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि लोकसभा अध्यक्ष का फैसला पूरी तरह से मनमाना है और शिवसेना राजनीतिक दल के साथ-साथ संसद में उसके अधिकृत प्रतिनिधियों द्वारा लिए गए फैसलों के विपरीत है।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी व न्यायमूर्ति हिमा कोहली की तीन सदस्यीय पीठ पहले से ही शिवसेना के दो गुटों की कई याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। ताजा याचिका में शिंदे गुट के राहुल शेवाले को शिवसेना के नेता के रूप में मान्यता देने के लोकसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती दी गई है। उद्धव गुट ने स्पीकर की कार्रवाई को अवैध और मनमाना बताया है और आरोप लगाया कि लोकसभा में शिवसेना नेता और उसके मुख्य सचेतक को एकतरफा कार्रवाई करते हुए हटा दिया गया है।
याचिका में कहा गया है कि लोकसभा अध्यक्ष ने बुनियादी नियमों का पालन किए बिना और शिवसेना के राजनीतिक दल या याचिकाकर्ताओं से स्पष्टीकरण मांगे बिना नेता और मुख्य सचेतक के पदों में परिवर्तन किए हैं। याचिका में आगे कहा गया है कि विनायक राउत और राजन विचारे के नाम को लेकर लोकसभा स्पीकर को सूचित भी किया गया है। हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष ने शिंदे गुट द्वारा प्रस्तावित नामों को मंजूरी दे दी। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि अध्यक्ष ने दसवीं अनुसूची के तहत परिकल्पित योजना के बिल्कुल विपरीत काम किया है।