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    NEET UG: नीट छात्राओं के इनरवियर उतरवाने के मामले में केस दर्ज, केंद्र अधीक्षक ने शिकायत को मनगढ़ंत बताया

    सार

    इस घटना की निंदा करते हुए विभिन्न युवा संगठनों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। केरल राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

    विस्तार

    केरल पुलिस ने मंगलवार को नीट परीक्षा में छात्राओं से अंडरगारमेंट्स उतरवाने के कथित मामले में केस दर्ज कर लिया है। बता दें कि 17 जुलाई, 2022 को देशभर में मेडिकल के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा यानि नीट यूजी का आयोजन किया गया है। 18 लाख से अधिक छात्रों ने इस परीक्षा में भाग लिया था। हालांकि, परीक्षा को लेकर विवाद तब सामने आया  जब यह बात सामने आई कि केरल के कोल्लम में परीक्षा में शामिल होने वाली युवतियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति देने के लिए अंडरगारमेंट्स हटाने के लिए कहा गया था।

    पुलिस ने क्या कहा?
    केरल पुलिस ने बताया है कि कोल्लम जिले में हुई घटना में आईपीसी की धारा 354 और धारा 509 के तहत केस दर्ज किया गया है। रविवार को कोल्लम के अयूर में एक निजी शिक्षण संस्थान में आयोजित नीट परीक्षा में बैठने के दौरान अपमानजनक अनुभव का सामना करने वाली एक लड़की की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया है।

    शिकायत गलत मंशा से दर्ज कराई गई
    मामले पर कोल्लम में नीट परीक्षा केंद्र अधीक्षक ने कहा है कि शिकायत मनगढ़ंत है और गलत मंशा से दर्ज कराई गई है। पूरे विवाद पर परीक्षा की आयोजक राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी/NTA का भी बयान सामने आ गया है। एनटीए ने कहा कि केंद्र अधीक्षक और स्वतंत्र पर्यवेक्षक के साथ-साथ कोल्लम जिले के शहर समन्वयक ने कहा है कि उन्हें नीट परीक्षा केंद्र (मार थोमा सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, कोल्लम) में ऐसी कोई घटना की सूचना नहीं प्राप्त की है। जहां छात्रा ने परीक्षा दी थी। एनटीए ने आगे कहा कि परीक्षा के दौरान या उसके तुरंत बाद भी किसी की ओर से ऐसी कोई शिकायत नहीं आई थी। एनटीए ने बताया कि नीट के लिए एनटीए के ड्रेस कोड की बात है तो यह उम्मीदवार के माता-पिता द्वारा आरोपित ऐसी किसी भी गतिविधि की अनुमति नहीं देता है।

    कार्रवाई की मांग
    इस घटना की निंदा करते हुए विभिन्न युवा संगठनों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। केरल राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी घटना की जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने कोल्लम ग्रामीण एसपी को 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। सोशल मीडिया पर भी लोग इस मामले पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं और आरोपियों पर कार्रवाई की मांग कर रहा हैं। 

    परीक्षा संचालकों का क्या कहा है?
    जानकारी के अनुसार परीक्षा केंद्र संचालकों की ओर से कहा जा रहा है कि बाहरी जांच एजेंसी द्वारा परीक्षा देने पहुंची छात्राओं की ब्रा उतरवाई गई, इसके पीछे का कारण ब्रा का हुक को बताया जा रहा है। ये हुक जो की मेटल के बने होते हैं और मेटल डिटेक्टर के संपर्क में आने पर बीप करने लगते हैं। इसलिए ऐसा किया गया होगा।  

    केंद्र सरकार से मांग
    केरल के उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने इस मामले पर निराशा जाहिर करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर इस घटना में शामिल एजेंसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि एजेंसी जिसे परीक्षा का संचालन सौंपा गया है, ने कथित तौर पर केवल खुद को ज्ञात कारणों के लिए परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पहले लड़की प्रतिभागियों को कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया। इस घटना ने छात्राओं के मनोबल को प्रभावित किया है। इससे उनकी परीक्षा भी प्रभावित हुई है। मंत्री ने कहा कि हम एक एजेंसी की ओर से इस तरह के अमानवीय व्यवहार का कड़ा विरोध करते हैं, जिसे केवल निष्पक्ष तरीके से परीक्षा आयोजित करने का काम सौंपा गया है।

    कैसे सामने आया मामला?
    यह मामला सोमवार को तब सामने आया जब एक 17 वर्षीय छात्रा के पिता ने मीडिया को बताया कि उनकी  बेटी पहली बार नीट पीजी परीक्षा में शामिल होने गई थी। 3 घंटे तक उसे बिना इनरवियर के बैठना पड़ा और अब तक वह उस दर्दनाक अनुभव से बाहर नहीं आई है। छात्रा के पिता ने बताया कि उनकी बेटी ने नीट बुलेटिन में उल्लिखित ड्रेस कोड के अनुसार कपड़े पहने थे, जिसमें इनरवियर के बारे में कुछ नहीं कहा गया था। खबरों के अनुसार यह घटना एक नहीं बल्कि सैकड़ों छात्राओं के साथ हुई है।

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