प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आदिवासी नेता और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की स्मृति में रांची स्थिति बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह संग्रहालय (Birsa Munda Memorial Garden cum Museum) का ऑनलाइन उद्घाटन कर दिया है।
कार्यक्रम में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, राज्यपाल रमेश बैस, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, जी किशन रेड्डी, मंत्री चंपई सोरेन, मेयर आशा लकड़ा, सांसद संजय सेठ आदि उपस्थित रहे।
रांची।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आदिवासी नेता और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की स्मृति में रांची में बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान (Birsa Munda Memorial Garden cum Museum) का ऑनलाइन उद्घाटन कर दिया है।
पीएम मोदी ने कहा कि 15 नवंबर की ये तारीख कई मायनों में ऐतहासिक है।
आज भगवान बिरसा मुंडा की जन्मजयंती, झारखंड के स्थापना दिवस और देश की आजादी के अमृत महोत्सव का कालखंड है।
ये अवसर हमारी राष्ट्रीय आस्था का अवसर है, भारत की पुरातन आदिवासी संस्कृति के गौरवगान का अवसर है।
हमारे जीवन में कुछ दिन बड़े सौभाग्य से आते हैं और जब ये दिन आते हैं तब हमारा कर्तव्य होता है कि उनकी आभा, उनके प्रकाश को अगली पीढ़ियों तक और ज्यादा भव्य रूम में पहुंचाए।
आज का ये दिन ऐसा ही पुण्य-पुनीत का अवसर है।
मोदी ने कहा कि आजादी के इस अमृतकाल में देश ने तय किया है कि भारत की जनजातीय परंपराओं को और इसकी शौर्य गाथाओं को देश अब और भी भव्य पहचान देगा।
आज से हर साल देश 15 नवंबर यानी भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस को ‘जन-जातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाएगा।
उन्होंने कहा कि आज के ही दिन हमारे श्रद्धेय अटलजी की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण झारखण्ड राज्य भी अस्तित्व में आया था।
ये अटलजी ही थे जिन्होंने देश की सरकार में सबसे पहले अलग आदिवासी मंत्रालय का गठन कर आदिवासी हितों को देश की नीतियों से जोड़ा था।
उन्होंने कहा कि ये संग्रहालय स्वाधीनता संग्राम में आदिवासी नायक-नायिकाओं के योगदान का और विविधताओं से भरी हमारी आदिवासी संस्कृति का जीवंत अधिष्ठान बनेगा।
उन्होंने कहा कि भारत की पहचान और भारत की आजादी के लिए लड़ते हुए भगवान बिरसा मुंडा ने अपने आखिरी दिन रांची की इसी जेल में बिताए थे।
PM मोदी ने कहा जीवन का ज्यादातर समय आदिवासियों के साथ बीता
मोदी ने कहा, “भगवान बिरसा मुंडा ने समाज के लिए जीवन दिया अपनी संस्कृति अपने देश के लिए प्राणों का परित्याग किया।
इसलिए वे आज भी हमारी आस्था में हमारी भावनाओं में उपस्थित हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को झारखंड स्थापना दिवस के मौके पर रांची में बिरसा मुंडा संग्रहालय का उद्घाटन किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण ही आज के ही दिन झारखंड अस्तित्व में आया था।
उन्होंने ही अलग जनजातीय मामलों का मंत्रालय बनाया था और जनजातीय हितों को राष्ट्र की नीतियों से जोड़ा था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र ने तय किया है कि आजादी के ‘अमृत काल’ के दौरान आदिवासी परंपराओं और उनकी वीरता की गाथाओं को और भी भव्य पहचान दी जाएगी।
इसलिए ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है कि 15 नवंबर भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
इसलिए इस महत्वपूर्ण अवसर पर जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी म्यूजियम देशवासियों को समर्पित है।
पीएम ने कहा कि जो भूमि उनके तप, त्याग की साक्षी बनी हो।
वह हमारे लिए एक पवित्र तीर्थ है।
मोदी ने कहा कि- ‘कुछ दिन पहले मैंने हर राज्य में आदिवासी म्यूजियम की स्थापना का आह्वान किया था।
मुझे खुशी है कि हर राज्य इस ओर केंद्र सरकार के साथ बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि जल्द ही नौ और राज्यों में आदिवासी म्यूजियम की स्थापना होगी।’
उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने समाज के लिए जीवन दिया। अपनी संस्कृति अपने देश के लिए प्राणों का परित्याग किया।
इसलिए वे आज भी हमारी आस्था में, हमारी भावनाओं में उपस्थित हैं।
इसलिए हम जब भी देश के विकास में आदिवासी समाज को देखते हैं तो हमें भगवान बिरसा मुंडा का चेहरा दिखाई देता है।
हम सभी के लिए भगवान बिरसा एक व्यक्ति नहीं एक परंपरा हैं।
सदियों से वे भारत की आत्मा का हिस्सा हैं।
जिस समय हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ मानवता की आवाज बन रहे थे।
लगभग उसी समय बिरसा मुंडा गुलामी के खिलाफ एक अध्याय लिख चुके थे।