नई दिल्ली [आर्डर ऑफ़ इंडिया स्पेशल]। (Pulwama Terror Attack)पुलवामा आतंकी हमले में शहीद 40 जवानो में पांच राजस्थान के थे।इन्हीं में से एक हैं, धौलपुर स्थित जैतपुर के वीर सपूत भागीरथ सिंह। शहीद होने से दो दिन पहले ही उन्होंने फोन पर अपने पिता परसराम से बात करते हुए वादा किया था कि वह जल्द घर आने वाले हैं। इसके तीन दिन बाद ही वह घर लौटे, लेकिन तिरंगे में लिपटकर।
भागीरथ जहां सीआरपीएफ की 45वीं बटालियन में छह साल से नौकरी कर रहे थे, वहीं उनका छोटा भाई बलवीर यूपी पुलिस में तैनात है। वह भी अपने बड़े भाई की तरह सीमा पर जाकर देश की सेवा करना चाहता था।
मासूम ने दी मुखाग्नि तीन साल का शहीद जवान के बेटा ने
धौलपुर में शहीद भागीरथ सिंह शनिवार को उनका पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा। इस दौरान उनके अंतिम दर्शन और अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा था । लोगों ने जमकर उनके लिए बहुत नारे लगाए। लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के भी नारे लगाए और भारत माता की जय यह नारे लगाए।
एक महीने की छुट्टी बिता तीन दिन पहले गए थे घर
शहीद भागीरत सिंह 17 जनवरी से छुट्टी पर थे। 10 फरवरी को छुट्टी पूरी कर वह घर से निकले थे और 11 फरवरी को उन्होंने ड्यूटी ज्वाइन की थी। घर जाने से पहले उन्होंने पत्नी और बुजुर्ग पिता से वादा किया था कि वह जल्दी ही वापस लौटेंगे। भागीरथ जब चार वर्ष के थे, तभी उनके सिर से मां का साया उठ गया था।
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