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    वाराणसी: हर थाने की 25 फीसदी फोर्स चौराहे पर रहेगी, खत्म होगी जाम की समस्या

    varanasi police

    वाराणसी:लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने जुलाई तक कमिश्नरेट पुलिस की प्राथमिकताएं तय कर दी हैं। कैंप कार्यालय पर हुई बैठक में यातायात पर विशेष जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि शहर के किसी भी क्षेत्र में जाम की समस्या नहीं होनी चाहिए।

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    प्रत्येक थाने की 25 प्रतिशत फोर्स को मुख्य चौराहों पर तैनात किया जाए। जाम वाले चौराहों और तिराहों पर ट्रैफिक एडवाइजरी कमेटी गठित कर लोगों के अनुभवों का लाभ लिया जाए। बीएड और यूपीएससी प्री-परीक्षाओं के दौरान यातायात और पार्किंग की उचित व्यवस्था की जाए ताकि बाहर से आने वाले परीक्षार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।बीट पुलिसिंग को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए और महिला आरक्षियों को भी बीट आवंटित किए जाएं। पुलिस आयुक्त ने निर्देश दिए कि सभी थाना प्रभारी नियमित पैदल गश्त करें और लोगों तथा व्यापारियों से संवाद स्थापित करें। गश्त के दौरान थाना प्रभारी अपना संपर्क नंबर या विजिटिंग कार्ड लोगों को दें, ताकि सूचना तंत्र मजबूत हो सके। बिना नंबर के वाहनों और संदिग्ध व्यक्तियों की नियमित चेकिंग होनी चाहिए। जनता के साथ विनम्र और शालीन व्यवहार बनाए रखें।

    वाराणसी:पुलिस आयुक्त के दिशा-निर्देश

    पुलिस आयुक्त ने निर्देश दिए कि राजपत्रित अधिकारी और थाना प्रभारी सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक कार्यालय में बैठें और जनशिकायतों का निस्तारण कराएं। इसके लिए हेल्प डेस्क स्थापित कर दक्ष पुलिसकर्मियों की 24 घंटे की ड्यूटी लगाई जाए। प्रार्थना पत्रों के निस्तारण में शिकायतकर्ता और पीड़ित से फीडबैक लिया जाए।

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    महिला संबंधी शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए और उनमें कोई भी टाल-मटोल न हो। बच्चों और किशोरियों की गुमशुदगी के मामलों की नियमित निगरानी राजपत्रित अधिकारी करें। किसी भी प्रार्थना पत्र को बिना आवेदक के बयान और घटना स्थल के निरीक्षण के निस्तारित न माना जाए।

    विवेचना और लंबित मामलों के निस्तारण पर जोर

    लंबित विवेचनाओं की समीक्षा कर उनका निस्तारण प्राथमिकता से किया जाए। किसी भी स्थिति में विवेचना तीन माह से अधिक लंबित नहीं रहनी चाहिए। न्यायालय के मामलों का निस्तारण भी प्राथमिकता के आधार पर हो। बीट पुलिस कर्मचारी सप्ताह में दो बार क्षेत्र का भ्रमण करें और पासपोर्ट, चरित्र सत्यापन, लाइसेंस तथा प्रार्थना पत्रों की जांच करें। इस बैठक में संयुक्त पुलिस आयुक्त डॉ. के एजिलरसन, अपर पुलिस आयुक्त एस. चिन्नप्पा समेत डीसीपी, एडीसीपी, एसीपी और थानेदार भी उपस्थित रहे।

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