Putin India Visit: भारत और रूस के बीच कल कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी है. नई दिल्ली में 21वां भारत रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है. यह आयोजन रक्षा समझौते के लिए अहम साबित होगा.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) आज सोमवार को पीएम मोदी को एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम मॉडल गिफ्ट करेंगे. पुतिन 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने आ रहे हैं. 21वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन (21st India-Russia Annual Summit) 6 दिसंबर को नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है. बता दें पुतिन दोपहर बाद दिल्ली पहुंचेंगे और 6-7 घंटे के लिए भारत में होंगे. इस दौरान दोनों मुल्कों के बीच कई मुद्दों पर सघन वार्ताओं का दौर होगा.
AK-203 असॉल्ट राइफल को लेकर होगी डील : रूसी राष्ट्रपति Putin
राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी के बीच होने वाले वार्ता में AK-203 असॉल्ट राइफल के ज्वाइंट प्रोडक्शन समझौते पर भी मोहर लगेगी. इसके तहत भारत के अमेठी में 5 लाख से ज्यादा AK-203 एडवांस रायफलों का प्रोडक्शन किया जाना है. हथियार सौदों की कड़ी में S400 मिसाइल सिस्टम को लेकर भी बात होगी. सूत्रों के अनुसार दोनों देशों के बीच 2018 में हुए इस सौदे में डिलीवरी शेड्यूल समेत कुछ अन्य मुद्दों पर स्पष्टता की दरकार है.
पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच मुलाकात शाम 5:30 बजे पर दिल्ली के हैदराबाद हाउस में होगी. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच सीधी और अनौपचारिक बातचीत का भी सेशन होगा. कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट (Omicron Variant) से बढ़ी चिंताओं और कोविड प्रोटोकॉल के मद्देनजर दोनों देशों की इस बातचीत में अधिकारियों की संख्या को भी बहुत सीमित रखा गया है. पुतिन सोमवार रात करीब 9:30 बजे वापस रवाना भी ही जाएंगे.
भारत और रूस के बीच स्पेशल ग्लोबल साझेदारी
विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों नेता शिखर सम्मेलन के दौरान भारत और रूस के बीच स्पेशल ग्लोबल साझेदारी को आगे बढ़ाने और आपसी सहयोग पर चर्चा करेंगे. दोनों देशों के बीच पहली 2+2 वार्ता होगी. विदेश और रक्षा मंत्रियों की इस संयुक्त बैठक का फैसला पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच अप्रैल 2021 में हुई फोन वार्ता के दौरान किया गया था.
भारत और रूस के रक्षा मंत्री सैन्य (The Defense Ministers of India) और तकनीकी सहयोग (Technical Cooperation) पर इंटरगवर्नमेंटल ग्रुप की बैठक में शामिल होंगे. वहीं दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की भी उसी सम्मिट के दौरान मुलाकात होगी. इसके बाद दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्री 2+2 वार्ता की मेज़ पर साझेदारी की योजनाओं को आगे बढ़ाएंगे.