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    Seat Belt Alarm: कार चलाते समय न करें नियमों का उल्लंघन, एक अलार्म से भी बच सकती हैं जिंदगियां

    नई दिल्ली, एजेंसी। कार दुर्घटना में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री की मौत ने कारों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच में सामने आया है कि पिछली सीट पर बैठे मिस्त्री ने यदि सीट बेल्ट लगाई होती, तो संभवत: यह दुर्घटना उनके लिए जानलेवा नहीं होती। इस दुर्घटना में रफ्तार और सीट बेल्ट को लेकर बने कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन देखने को मिला है।

    यह मामला सामने आने के बाद से सीट बेल्ट अलार्म को लेकर भी चर्चा को बल मिला है। अब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार पिछली सीट बेल्ट के लिए भी अलार्म अनिवार्य करने की तैयारी में है। जल्द इसके लिए नोटिफिकेशन आएगा।

    सतर्क कर सकती है बीप की आवाज

    कार कंपनियों ने आगे की सीटों पर बेल्ट नहीं लगाने की स्थिति में अलार्म की व्यवस्था की है। जैसे ही बिना बेल्ट लगाए गाड़ी आगे बढ़ती है, बीप की आवाज आने लगती है। कुछ कारों में अनाउंसमेंट का भी सिस्टम दिया जाने लगा है। इसे लेकर कोई सर्वे तो नहीं किया गया हैं, लेकिन यह स्वीकार्यतथ्य है कि अलार्म की इस व्यवस्था से सीट बेल्ट का अनुपालन बढ़ा है। ऐसे में अगर कंपनियां पीछे की सीट पर भी बेल्ट न लगाने पर अलार्म का सिस्टम करें, तो लोगों में जागरूकता बढ़ाने में मददमिलेगी। अभी स्थिति यह है कि बहुत से लोग यह जानते ही नहीं कि पीछे की सीट पर बेल्ट भी है।

    रोड एक्सीडेंट में ओवर स्पीडिंग के कारण जाती है सबसे ज्यादा जान

    सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सीडेंट में मौत के सबसे ज्यादा मामले ओवर स्पीडिंग से जुड होते हैं। इसके अलावा 2020 में गलत दिशा में गाड़ी चलाना, शराब पीकर ड्राइविंग, गाड़ी चलाते हुए मोबाइल पर बात करना और लाल बत्ती को पार करना अन्य अहम कारणों में रहे।

    बीमा क्लेम के मामले में भी आ सकती है मुश्किल

    ज्यादातर लोग इस बात की अनदेखी कर देते हैं कि किसी सड़क दुर्घटना में नियमों का उल्लंघन होने पर बीमा क्लेम में मुश्किल हो सकती है। उदाहरण के तौर पर शराब पीकर गाड़ी चलाने, बिना लाइसेंस ड्राइविंग, बीमा कंपनी को बताए बिना कार में किसी बदलाव की स्थिति में बीमा कंपनी क्लेम को खारिज कर सकती है। सीट बेल्ट न लगाने पर क्लेम खारिज करने का कोई प्रविधान तो नहीं है, लेकिन इससे क्लेम की राशि पर असर पड़ सकता है। विशेषतौर पर मुआवजे के मामले में ट्रिब्यूनल ऐसे मामले में कम मुआवजे का फैसला दे सकता है।

    इसलिए भी जरूरी है सीट बेल्ट

    सड़क दुर्घटना की स्थिति में एयरबैग और सीट बेल्ट से बहुत मददमिलती है। एक ओर सीट बेल्ट के कारण व्यक्ति तेज झटके के साथ गिरने और टकराने से बच जाता है, तो दूसरी ओर चेहरे के सामने खुला एयरबैग चोट लगने की आशंका को और कम कर देता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि सीट बेल्ट न लगी हो, तो एयरबैग नहीं खुलता है। दरअसल बिना सीट बेल्ट के एयरबैग खुलना घातक हो सकता है। बिना सीट बेल्ट के व्यक्ति झटके से किसी भी तरफ गिर सकता है, ऐसे में एयरबैग ही उसके फंसने का कारण बन सकता है। यही कारण है कि एयरबैग और सीट बेल्ट मिलकर ही सुरक्षा के चक्र को पूरा करते हैं। इसलिए जरूरी है कि कार में बैठने पर सीट बेल्ट लगाना सुनिश्चित किया जाए।

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