उत्तर प्रदेश के नोएडा में लाखों करोड़ों रूपए खर्च कर 40-40 मंज़िला गगनचुंबी ट्विन टावर को बनाया गया, जो आज 28 अगस्त को कुछ ही सेकंड में मलबे की ढेर में तब्दील हो चुका है। दरअसल, सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के ट्विन टावर धमाके के बाद जमींदोज हो चुका है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के ट्विन टावर धमाके के बाद जमींदोज कर दिया गया। नोएडा-ग्रेटर नोएडा हाईवे 2:42 पर आम लोगों के लिए खोल दिया गया। पानी का छिड़काव किया जा रहा है। नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि आस-पास की हाउसिंग सोसाइटियों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। अभी कुछ मलबा सड़क की तरफ आया है।
हमें एक घंटे में स्थिति का बेहतर अंदाजा हो जाएगा। नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावरों को गिराने के बाद आस पास जमे धूल को स्थिर करने के लिए पानी को स्प्रे करने के लिए एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ट्विन टावर्स के ध्वस्त होने के बाद आसपास धूल का गुबार फैला। नोएडा पुलिस आयुक्त ने कहा कि पूरे प्लान के साथ काम किया गया और टावर को गिराया गया। सुरक्षा के पूरे इंतज़ाम थे जिस कारण से सब कुछ सही से हुआ। हम अवशेष और बचे हुए विस्फोटकों का आकलन करने के लिए साइट पर जा रहे हैं यदि वे वहां छोड़े
कई मीटर तक फैला धूल का गुबार
रविवार को करीब ढाई बजे एक के बाद एक धमाकों से कुछ ही सेकंड में 300 करोड़ की लागत से तैयार किए गए ट्विन टावर को ध्वस्त किया गया। ट्विन टावर ध्वस्त होने के बाद कई मीटर तक धूल का गुबार फैल गया और देखते ही देखते नोएडा में ‘मशरूम ऑफ डस्ट’ छाया हुआ है। कई किलोमीटर दूर तक लोगों को 3700 किलीग्राम बारूद के धमाके की आवाज सुनाई दी और लोगों ने इन धमाकों की धमक को महसूस किया। ऐसे में में आस-पास जमे धूल को स्थिर करने के लिए पानी को स्प्रे करने के लिए एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जा रहा है।