• Mon. Nov 18th, 2024

    तलाक के बाद मुस्लिम महिला मांग सकती है गुजारा भत्ता: सुप्रीम कोर्ट

    Muslim woman is entitled to file a petition for maintenance against her husband under Section 125 of the Code of Criminal Procedure

    सुप्रीम कोर्ट के फैसले से तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने बुधवार को निर्णय सुनाया कि मुस्लिम महिलाएं अपने पति के खिलाफ सीआरपीसी की धारा-125 के तहत भरण-पोषण के लिए याचिका दायर कर सकती हैं. जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने अलग-अलग, लेकिन एक जैसा फैसला दिया. देश की सबसे बड़ी अदालत ने अपने फैसले में कहा कि कुछ पति इस तथ्य से अवगत नहीं हैं कि पत्नी, जो एक गृहिणी होती है लेकिन इन होम मेकर्स की पहचान भावनात्मक और अन्य तरीकों से उन पर ही निर्भर होती है.

    Also Read: उन्नाव में डबलडेकर बस कंटेनर से टकराई, 18 लोगों की मौत

    मुस्लिम महिलाएं धारा-125 के तहत भरण-पोषण की मांग कर सकती हैं

    कोर्ट ने कहा, “एक भारतीय विवाहित महिला को इस तथ्य के प्रति सचेत होना चाहिए, जो आर्थिक रूप से स्वतंत्र नहीं है. इस तरह के आदेश से सशक्तिकरण का अर्थ है कि उसकी संसाधनों तक पहुंच बनती है. हमने अपने फैसले में 2019 अधिनियम के तहत ‘अवैध तलाक’ के पहलू को भी जोड़ा है. हम इस प्रमुख निष्कर्ष पर हैं कि सीआरपीसी की धारा-125 सभी महिलाओं (लिव इन समेत अन्य) पर भी लागू होगी, ना कि केवल विवाहित महिला पर.” कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि धारा 125 सीआरपीसी के तहत मामला लंबित है और मुस्लिम महिला का तलाक हो जाता है, तो वह 2019 अधिनियम का सहारा ले सकती है. 2019 अधिनियम धारा 125 सीआरपीसी के अतिरिक्त उपाय प्रदान करता है.

    Also Read: PM Modi, First Indian PM To Visit Austria In 41 Years

    धारा 125 सीआरपीसी के तहत मिलेगा भरण-पोषण अधिकार

    सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने एक मुस्लिम शख्स की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सीआरपीसी की धारा 125 के तहत अपनी तलाकशुदा पत्नी के पक्ष में अंतरिम भरण-पोषण आदेश को चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने साफ कर किया कि मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 1986, धारा 125 सीआरपीसी के प्रावधानों को रद्द नहीं करेगा.

    Also Read: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में दर्दनाक हादसा, सड़क पर लग गया लाशों का ढेर

    एक मुस्लिम महिला आगा ने सीआरपीसी की धारा 125 के तहत याचिका दाखिल कर अपने पति से गुजारा भत्ते की मांग की थी. याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में गुहार लगाई गई थी कि वो उसके पति को 20 हजार रुपये हर महीने अंतरिम गुजारा भत्ता देने का निर्देश दे.

    Also Read: IMD Issues Red Alert for Heavy Rains in Maharashtra, Goa, Delhi, and 10 Other States

    Share With Your Friends If you Loved it!
    7 thoughts on “तलाक के बाद मुस्लिम महिला मांग सकती है गुजारा भत्ता: सुप्रीम कोर्ट”
    1. Nice blog here Also your site loads up fast What host are you using Can I get your affiliate link to your host I wish my web site loaded up as quickly as yours lol

    Comments are closed.