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    Bisleri हो सकती है Tata की! 59 साल पुराने ब्रांड को चलाने में बेटी की रुचि नहीं, चेयरमैन हुए 82 के, इसलिए बेच रहे

    देश में बॉटल वाले पानी का मतलब है- Bisleri. पीने के पानी के बाजार में बिसलेरी सबसे बड़ा नाम है, लेकिन अब यह कंपनी बिक सकती है. यह बड़ी कंज्यूमर कंपनी टाटा ग्रुप की टाटा कंज्यूमर कंपनी के साथ बड़ी डील को लेकर बातचीत कर रही है. जानकारी है कि बिसलेरी पूरे अधिग्रहण के लिए टाटा कंज्यूमर के साथ 6 से 7 हजार करोड़ के लिए डील डन कर सकती है. यह ध्यान देने वाली बात है कि पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर के बाजार में बिसलेरी के पास 32% मार्केट शेयर है, जो काफी बड़ा है. लेकिन बिसलेरी के नाम से ही न जाने कितने छोटे प्लेयर अपना गेम खेलते हैं, इसके पीछे इसके ब्रांड की अहमियत समझ आती है.

    बिसलेरी ने टाटा ही क्यों चुना है, इसे लेकर कंपनी की ओर से जानकारी मिली है कि उसे टाटा का कल्चर पसंद है और उसे लगता है कि बिसलेरी का जो ब्रांड है, जो पहचान है वो टाटा अच्छे से लेकर आगे जा सकती है. कंपनी ने एन चंद्रशेखर से बात की, वो उनको पंसद आए, उन्हें लगता है कि टाटा ग्रुप बिसलेरी का और बेहतर तरीके से खयाल रखेगा, इसलिए कई कंपनियों की रुचि के बावजूद टाटा उनकी पसंद बना है.

    कई कंपनियों की ओर से दिखाई गई है दिलचस्पी

    बिसलेरी की ओर से मिली जानकारी के अनुसार कंपनी को खरीदने की बातचीत आखिरी स्टेज में है. रिलायंस रिटेल, नेस्ले और डैनॉन जैसी कंपनियों ने भी गहरी दिलचस्पी दिखाई है, लेकिन बिसलेरी ने टाटा को चुना है. बिसलेरी ने डील होने को लेकर हां नहीं कहा है, लेकिन यह बयान दिया है कि उसे टाटा पसंद है और बातचीत आखिरी चरण में चल रही है. ये डील 6 से 7,000 करोड़ की हो सकती है. डील के बाद बिसलेरी के मैनेजमेंट में भी कोई चेंज नहीं होगा. बोर्ड मैनेजमेंट दो साल तक जस का तस रहेगा.

    Tata के लिए खूबसूरत फिट होगा Bisleri

    गुरुवार को स्टॉक एक्सचेंजों की एक विज्ञप्ति में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड  (TCPL) ने कहा कि कंपनी लगातार अपने कारोबार के विकास और विस्तार के लिए मूल्यांकन करती है और इसके लिए बिसलेरी सहित विभिन्न दलों के साथ चर्चा जारी रहती है। ब्रांड विशेषज्ञों और विश्लेषकों का कहना है कि बिसलेरी टीसीपीएल के लिए एक “खूबसूरत फिट” होगा।

    पैकेज्ड वाटर सेगमेंट में बिसलेरी कोका-कोला कंपनी के किनले और पेप्सिको इंक के एक्वाफिना के साथ प्रतिस्पर्धा में रहती है। कंपनी ने थम्सअप, गोल्ड स्पॉट, सिट्रा, माज़ा और लिम्का सहित अपने घरेलू सॉफ्ट-ड्रिंक ब्रांडों के साथ लोकप्रियता भी हासिल की है। हालांकि बाद में कंपनी ने 1993 में सॉफ्ट-ड्रिंक्स पोर्टफोलियो कोका-कोला को बेच दिया था। इन ब्रांडों में से थम्स अप पहले ही एक बिलियन-डॉलर के ब्रांड में बदल चुका है और कोका-कोला का अनुमान है कि फ्रूट ड्रिंक्स ब्रांड माज़ा भी 2024 तक एक बिलियन-डॉलर का ब्रांड बन जाएगा। रमेश चौहान (Ramesh Chauhan) ने 2016 में “बिसलेरी पीओपी” शुरू किया था लेकिन लोकप्रियता को बरकरार रखने में कामयाब नहीं रहे। वेंचर चलाता है।

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