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    Supertech Twin Towers जैसा न हो आपके सपनों के घर का हाल, कहीं मिट्टी में न मिल जाए जिंदगी भर की कमाई

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। खुद का घर होना बड़ी बात है। घर अगर किसी बड़े शहर में हो तो और भी अच्छा है। लेकिन अपना खुद का आशियाना जुटाना आसान कहां होता है। कहते हैं कि तिनका-तिनका जोड़कर ही घर बनाया जा सकता है। यह काम पहले भी मुश्किल था और अब तो और भी मुश्किल हो गया है। इसमें जितना अधिक पैसा लगता है, उससे कहीं अधिक एनर्जी और समय का निवेश करना पड़ता है।

    आप पहले घर खरीदने (House Purchase) की पूरी योजना बनते हैं, बैंकों का चक्कर काटते हैं, लोन (Home Loan) का जुगाड़ करते हैं, तब कहीं जाकर आपका घर खरीदने का सपना साकार हो पाता है। उसके बाद शुरू होता है ईएमआई (Home Loan EMI) भरने का सिलसिला। आप अपनी सारी जमा-पूंजी लगाकर घर बुक करते हैं, लेकिन जरा सोचिए कि अगर बिल्डर आपके साथ धोखाधड़ी कर दे तो क्या होगा ! अगर बिल्डर आपको आपको घर का पजेशन न दे या घटिया क्वॉलिटी का घर बनाकर दे तो आप क्या करेंगे?

    ट्विन टावर जैसा न हो आपके घर का हश्र

    न जाने कितने लोग अपने घर के पजेशन के लिए भटक रहे हैं। बिल्डर आज-कल कहकर उन्हें टालता रहता है। तमाम लोग कोर्ट-कचहरी के चक्कर काट रहे हैं, कंज्यूमर फोरम का दरवाजा खटखटा रहे हैं। यह अकेले दिल्ली-एनसीआर की कहानी नहीं है। देश के सभी बड़े शहरों का हाल कुछ ऐसा ही है। अगर आप चाहते हैं कि आपके सपनों के घर का हश्र नोयडा के Noida Twin Towers जैसा न हो तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। यहां हम उन सामान्य गलतियों के बारे में बता रहे हैं जो आमतौर पर घर खरीदते समय लोग करते हैं और बाद में बिल्डर के झांसे में फंस जाते हैं।

    बिल्डर पर आंख बंद करके भरोसा न करें

    सबसे पहले तो इस बात की जांच करें कि आप किस बिल्डर (Builder) से घर (Home Purchase) खरीद रहे हैं। अगर आप सिर्फ बिल्डर के नाम पर घर खरीद रहे हैं तो यह आपकी सबसे बड़ी गलती साबित होगी। बिल्डर के काम और उसके ट्रैक रिकॉर्ड के बारे में जानकार लोगों से पूछताछ करें। इंटरनेट पर उसके बारे में सर्च करें। उसकी बनाई बिल्डिंग्स का रिव्यू देखें। हर राज्य में रजिस्टर्ड बिल्डर्स को ट्रैक करने के लिए रेरा पोर्टल (RERA) होता है, उसे देखें और अपने बिल्डर के बारे में पता करें। इस बात की पूरी जानकारी हासिल करें कि बिल्डर के खिलाफ कितनी शिकायतें दर्ज हैं। आप कंज्यूमर कोर्ट जाकर पता कर सकते हैं कि बिल्डर के खिलाफ कितनी शिकायतें हैं। अगर बिल्डर के खिलाफ बहुत से मामले दर्ज हैं तो आप उससे घर न खरीदें।

    बिल्डर से जरूरी दस्तावेज मांगें

    घर खरीदने से पहले बिल्डर से प्रोजेक्ट का अप्रूवल और डीड डॉक्युमेंट्स की डिमांड करें। लैंड का टाइटल डॉक्युमेंट मांगें। बिल्डर ने जमीन का पूरा मुआवजा दे दिया है या नहीं, यह जरूर जांच लें। अगर प्रोजेक्ट कंप्लीट हो चुका है तो ओसी सर्टिफिकेट की डिमांड करें। वकील के जरिए यह पता करें कि बिल्डर या प्रोजेक्ट के ऊपर कोई मुकदमा तो नहीं चल रहा है। आपके फ्लैट में आपका अनडिवाइडेड शेयर इंट्रेस्ट कितना है, यह जरूर पूछें। यह ऐसी चीज है, जिसमें बिल्डर होम बायर्स को खूब धोखा दे रहे हैं।

    समय पर घर न मिले तो क्या करें

    अगर आपको लगता है कि बिल्डर ने अपना वादा नहीं निभाया है या आपको उस मुताबिक घर बनाकर नहीं दिया या घर देने में हीला-हवाली कर रहा है तो आप रेरा में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। हालांकि रेरा के फंक्शनिंग में बहुत सी खमियां हैं और इसके लागू होने के बाद भी होम बायर्स को बिल्डर के शोषण का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन इतना जरूर है कि रेरा में शिकायत के बाद आपकी कंप्लेंट पर देर-सवेर एक्शन जरूर होगा।

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