महाकुंभ 2025: कल से चार दिनों में चार नए विश्व रिकॉर्ड होंगे स्थापित. सफाई अभियान से लेकर ई-रिक्शा संचालन तक कई कीर्तिमान बनेंगे. मेला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं, जबकि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम प्रयागराज पहुंच चुकी है.
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माघी पूर्णिमा स्नान के साथ अब विश्व रिकॉर्ड स्थापित करने की योजना बन गई है. इसके लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी पहुंच चुकी है और मेला प्रशासन इस अवसर के लिए पूरी तरह तैयार है. महाकुंभ, जो विश्व की अमूर्त धरोहर है, में अब तक 48 करोड़ से अधिक लोग स्नान कर चुके हैं, और यह पहले ही दुनिया का सबसे बड़ा समागम बन चुका है. मेला प्रशासन ने अब पहले से निर्धारित चार विश्व रिकॉर्ड बनाने की योजना पर कार्य शुरू कर दिया है, जिसकी शुरुआत शुक्रवार से होगी.
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महाकुंभ में माघी पूर्णिमा पर चार विश्व रिकॉर्ड की शुरुआत
14 फरवरी को पहले दिन संगम क्षेत्र में 15 हजार सफाई कर्मचारी एक साथ गंगा तट पर 10 किमी लंबाई में सफाई करेंगे. कुंभ-2019 में 10 हजार सफाई कर्मचारियों ने एक साथ सफाई कर रिकॉर्ड बनाया था, और अब उसी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नया मील का पत्थर स्थापित किया जाएगा.
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15 फरवरी को 300 कर्मचारी नदी में उतरकर सफाई अभियान को तेज़ करेंगे. इसी रिकॉर्ड शृंखला में 16 फरवरी को त्रिवेणी मार्ग पर 1000 ई-रिक्शा चलाने का नया रिकॉर्ड भी स्थापित किया जाएगा.
17 फरवरी को 10 हजार लोगों के हाथ के छापों (हैंड प्रिंट) का रिकॉर्ड भी स्थापित किया जाएगा. मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि चारों रिकॉर्ड के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी पहुंच चुकी है और उनकी निगरानी में प्रक्रिया की जा रही है.