दिल्ली हाईकोर्ट ने BJP नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ दिल्ली पुलिस को रेप केस में FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। साथ ही पुलिस को 3 महीने के अंदर जांच रिपोर्ट भी दाखिल करने को कहा है। इस आदेश के खिलाफ शाहनवाज सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए।
शाहनवाज की ‘प्रतिष्ठा’ दांव पर होने का हवाला देते हुए मामले की तुरंत सुनवाई की अपील की गई, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया। कोर्ट मामले की सुनवाई अगले हफ्ते करेगा।
शाहनवाज हुसैन पर रेप का आरोप 2018 में एक महिला ने लगाया था। चार साल से मामला अदालत में है, लेकिन पुलिस FIR दर्ज नहीं कर रही। आज के भास्कर एक्सप्लेनर में शाहनवाज हुसैन पर लगे इस आरोप की पूरी गुत्थी को जानेंगे…
नोटः इस मामले की पूरी जानकारी हमने दिल्ली हाईकोर्ट के 17 अगस्त 2022 को दिए 14 पेज के फैसले से जुटाई है।
मामले की शुरुआत होती है 26 अप्रैल 2018 से। एक महिला दिल्ली पुलिस को लिखित शिकायत करती है। इसमें वो लिखती हैं कि 12 अप्रैल 2018 को शाहनवाज हुसैन ने उसे छतरपुर के एक फार्म हाउस में बुलाया। वहां धोखे से नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ रेप किया।
महिला ने महरौली थाने के SHO को भी लिखित शिकायत दी, जिसे उन्होंने रिसीव नहीं किया। उस पर इन शिकायतों को वापस लेने का दबाव था, लेकिन वो नहीं झुकी।