सोशल मीडिया पर अक्सर कुछ न कुछ ट्रेंड करता ही रहता है। हाल ही में इंटरनेट पर “Water Fasting” (वॉटर फास्टिंग) चर्चा का विषय बना हुआ है। इस तकनीक में व्यक्ति बिना कुछ खाएं और बिना किसी अन्य ड्रिंक को पिएं, सिर्फ पानी से ही अपना पेट भरता है। एक व्यक्ति का दावा है कि इस तकनीक से उन्होंने 13 किलो वजन घटाया है।
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लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर इन दिनों अदीस मिलर एक व्यक्ति चर्चा का विषय बना हुआ है। उनके अनुसार, उन्होंने Water Fasting के माध्यम से 13 किलो वजन कम किया है। अदीस ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि उन्होंने इस साल की शुरुआत में कोस्टा रिका में 21 दिन का वॉटर फास्ट किया और इस दौरान 13.1 किलोग्राम (28 पाउंड) वजन घटाया। अदीस के इस दावे से बाद से ही वॉटर फास्टिंग पर बहस जारी है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि वॉटर फास्टिंग क्या होता है और इसके स्वास्थ्य परिणाम क्या हो सकते हैं।
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क्या है वॉटर फास्टिंग?
वॉटर फास्टिंग एक ऐसी प्रैक्टिस है, जहां एक व्यक्ति एक निश्चित समय के लिए, आमतौर पर 24 घंटे से लेकर कई दिनों तक सिर्फ पानी पीता है। इस दौरान पानी के अलावा किसी भी अन्य भोजन या ड्रिंक का सेवन नहीं किया जाता। इस तरह की फास्टिंग के दौरान शरीर एनर्जी के लिए बॉडी में स्टोर रिजर्व पर निभर्र करता है, जिसमें लिवर और मांसपेशियों के टिश्यूज में स्टोर ग्लाइकोजन शामिल है।
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वॉटर फास्टिंग के फायदे
यह प्रोसेस कीटोसिस की तरफ ले जाती है, जिसमें शरीर एनर्जी प्रोडक्शन के लिए फैट तोड़ने लगता है। ऐसा माना जाता है कि वॉटर फास्ट करने से शरीर को कई सारे फायदे मिलते हैं, जिसमें डिटॉक्सिफिकेशन, वेट लॉस आदि शामिल हैं।
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वॉटर फास्टिंग के नुकसान
भले ही यह फास्टिंग शरीर को कई फायदे पहुंचाती है, लेकिन इससे कई सारे नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए इसे सावधानी के साथ और एक्सपर्ट की देखरेख में ही किया जाना चाहिए। आइए जानते हैं इसके कुछ संभावित नुकसान-
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- वॉटर फास्टिंग करने की वजह से विटामिन, मिनरल और इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिससे एनीमिया, कमजोर इम्युनिटी और हड्डियों के घनत्व में कमी जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
- इस फास्टिंग की वजह से ग्लाइकोजन स्टोरेज खत्म हो जाने पर शरीर एनर्जी के लिए मांसपेशियों के टिश्यूज को तोड़ना शुरू कर देता है। इससे मेटाबॉलिज्म धीमा होता है और पूरे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
- इस फास्ट को करते समय व्यक्ति सिर्फ पानी पर निर्भर रहता है और खाना न खाने की वजह से इलेक्ट्रोलाइट का लेवल काफी कम हो सकता है। इसकी वजह से चक्कर आना, अनियमित दिल की धड़कन जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। साथ ही गंभीर मामलों में यह heart arrhythmias या दौरे पड़ने जैसी जानलेवा स्थितियों की वजह बन सकता है।
- पानी पीने के बावजूद, कई बार खाना न खाने की वजह से भी डिहाईड्रेशन हो सकता है। खाना पानी पीने की इच्छा को बढ़ाता है, जिससे शरीर हाइड्रेट रहता है और इसके बिना डिहाईड्रेशन हो जाता है। यह सिरदर्द, थकान और खराब किडनी फंक्शन का कारण बन सकता है।
- लंबे समय तक वॉटर फास्टिंग के बाद जब आप दोबारा खाना खाना शुरू करते हैं, तो इससे पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है और इससे मतली, सूजन, कब्ज और पाचन संबंधी परेशानी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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