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    अदालत से मिली मंजूरी के बाद पुणे समेत पूरे महाराष्ट्र में फिर से बैलगाड़ी की रेस शुरू हो गई है।

    राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भव्य ढंग से बैलगाड़ी दौड़ आयोजित की जा रही है।

    इसी कड़ी में बुधवार को पुणे के शिरूर इलाके में भी एक रेस का आयोजन किया गया है।

    इसमें शिरूर से एनसीपी के सांसद अमोल कोल्हे भी शामिल हुए।

    खास यह था कि रेस के दौरान आगे भागने वाले घोड़े में डॉ कोल्हे सवार थे।

    चुनावों के दौरान डॉ कोल्हे ने फिर से बैलगाड़ी रेस शुरू करवाने का वादा किया था।

    सांसद ने दावा किया कि उन्होंने इस वादे को पूरा किया है।

    निमगांव दावड़ी खंडोबा में हुई रेस जैसे ही शुरू हुई|

    सांसद अमोल कोल्हे भी घोड़े पर सवार होकर दौड़ लगाने लगे।

    रेस के दौरान सांसद ने अपने दोनों हाथों को छोड़ दिया और बाहें फैला कर रेस में आगे बढ़ते हुए नजर आये।

    उनके इस रूप को देख वहां बौजूद हजारों लोगों ने तालियां बजाई और जय-जय कार की।

    पुणे समेत पूरे महाराष्ट्र में फिर से बैलगाड़ी की रेस शुरू हो गई है

    रेस में शामिल सांसद कोल्हे ने कहा, ’16 फरवरी को निमगांव दावड़ी में आयोजित बैलगाड़ी दौड़ का 400 साल का इतिहास है|

    इसलिए निमगांव दावड़ी के बैलगाड़ी दौड़ में शरीक होना मेरे लिए गर्व का पर्व है।

    मैंने लोगों से चुनावों से पहले कुछ वादा किया था और आज से शुरू हुई इस रेस के बाद मैंने अपना वादा पूरा किया है।’

    पूर्व सांसद शिवाजीराव आढलराव पाटिल ने रेस में दौड़ लगाने वाले सांसद अमोल कोल्हे पर निशाना साधते हुए इसे नौटंकी करार दिया है।

    उन्होंने कहा कि कोल्हे लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं।

    16 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बैलगाड़ी दौड़ से पाबंदी हटाने के बाद ही मैंने इसका आयोजन किया था और पिछले दो महीनों में अनेक बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन है।

    11 फरवरी को लांडेवाड़ी में भी बैलगाड़ी का आयोजन हुआ था।

    पाटिल ने आगे कहा कि 11 फरवरी को अमोल कोल्हे कहां थे?

    आज अमोल कोल्हे इसलिए आए हैं, क्योंकि उन्हें लोगों को गुमराह करना है।

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