महाराष्ट्र के नागपुर शहर ने जी20 शिखर बैठक से पहले भीख मांगने पर प्रतिबंध लगा दिया है और शहर के पुलिस प्रमुख अमितेश कुमार ने इससे संबंधित आदेश जारी किए हैं। उन्होंने बुधवार (8 मार्च) को धारा-144 के तहत एक अधिसूचना जारी की है, जो व्यक्तियों या समूहों को भीख मांगने या राहगीरों को पैसे देने के लिए मजबूर करने पर रोक लगाती है।
ये नियम 30 अप्रैल तक लागू रहेगा. अमितेश कुमार ने कहा कि यह निर्णय 19-20 मार्च को जी 20 शिखर सम्मेलन और बैठकों के मद्देनजर लिया गया है। पुलिस प्रमुख ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि कई भिखारी ‘आपत्तिजनक कृत्यों’ में शामिल थे, जो लोगों को पैसे देने के लिए मजबूर कर रहे थे। कुमार ने कहा कि भिखारी यातायात को सुचारू रूप से चलने में बाधा डालते हैं।
पकड़े जाने पर जेल
नागपुर पुलिस प्रमुख ने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर भीख मांगता दिखाई देता है तो एक से छह महीने तक की अवधि के लिए जेल भेजा जा सकता है। उन्होंने कहा कि परिस्थितियों के आधार पर कानून की अन्य धाराओं को भी लागू किया जाएगा।
ट्रांसजेंडरों पर भी लगा बैन
इससे पहले, अमितेश कुमार ने ट्रांसजेंडरों को ट्रैफिक जंक्शनों, सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगने से रोकने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लागू की थी और उन्हें शादी और ऐसे स्थानों पर चंदा मांगने से भी रोक दिया था। हालांकि, बाद में पुलिस प्रमुख ने नियमों में ढील दे दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें (ट्रांसजेंडरों) कोई आमंत्रित करता है तो वो ऐसे स्थानों पर जा सकते हैं।
ये फैसला क्यों?
पुलिस प्रमुख अमितेश कुमार ने बुधवार को कहा कि सड़कों पर भिखारियों की मौजूदगी से शहर का नाम खराब होता है। उन्होंने आगे कहा, “वाहन चालकों से भीख मांगना एक उपद्रव बन गया था। यहां तक कि पैदल चलने वालों को भी भिखारियों द्वारा परेशान किया जाता था। ये लोग ट्रैफिक लाइटों, सड़क के डिवाइडरों और फुटपाथ पर कब्जा कर लेते थे।”