मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर मनोज जरांगे के नेतृत्व में आंतरवाली सराती गांव में भूख हड़ताल का दौर चल रहा है, जिसका आयोजन 9 दिन पहले हुआ था। डॉक्टरों ने जरांगे की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकारी दी कि उनके शरीर में पानी की कमी हो गई है। मनोज जरांगे ने मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर 29 अगस्त से भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं और वे अंतरवाली सरती गांव में इस आंदोलन का हिस्सा हैं। उनकी भूख हड़ताल का नौवां दिन बुधवार को था। उनके स्वास्थ्य की देखभाल कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि उनके शरीर में पानी की कमी हो गई है, इसलिए उन्हें नसों के जरिए तरल आहार देने की सलाह दी गई है। डॉक्टर ने यह भी जानकारी दी कि जरांगे का बीपी (ब्लड प्रेशर) बहुत कम हो गया है।
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सरकार को दिया 4 दिन की मोहलत
मनोज जरांगे ने बताया कि अगर सरकार आरक्षण के मुद्दे पर सकारात्मक कदम नहीं उठाती, तो वह चार दिनों के बाद पानी और जूस पीना भी बंद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने अब तक दो बार उनसे संपर्क किया है और उन्हें अनशन खत्म करने की सलाह दी है, लेकिन वह इस पर मान नहीं रहे हैं। मनोज जरांगे की स्वास्थ्य की निगरानी के लिए सरकार ने डॉक्टरों की एक टीम को तैनात किया है।
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जरांगे के शरीर में जल की कमी
जालना के अतिरिक्त सिविल सर्जन डॉ. प्रताप घोडके ने बताया, ‘जरांगे के शरीर में पानी की कमी हो गई है और उनका क्रिएटिनिन स्तर थोड़ा अधिक है। हमने उन्हें नसों के जरिए तरल पदार्थ देना शुरू किया है।’ साथ ही डॉक्टर ने बताया कि जरांगे के शरीर के सभी महत्वपूर्ण पैरामीटर सामान्य हैं, लेकिन उनका ब्लड प्रेशर काफी कम है। आज सुबह, जब डॉक्टर ने उनकी बीपी जांची, तो उनकी सिस्टोलिक बीपी 110 और डायस्टोलिक बीपी 70 था। उनके बॉडी में इलेक्ट्रोलाइट्स सामान्य हैं और उनकी हार्ट रेट भी सामान्य है।
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