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    आदिवासियों के ‘काजू’ का उत्पादन कम, बाजार में भाव तीन गुना

    cashew

    तामिया, अमरवाड़ा, हर्रई के जंगलों में बेमौसम बारिश से उत्पादन प्रभावित, पूरी नहीं हो पा रही व्यापारिक मांग

    आदिवासियों का काजू कही जाने वाली अचार गुठली के सह उत्पाद चिरोंजी का उत्पादन इस साल बेमौसम बारिश से कम नजर आ रहा है। इसका संग्रहण कम होने से बाजार में इसके भाव वन विभाग के समर्थन मूल्य से तीन गुना अधिक हो गए हैं। वन अधिकारी मान रहे हैं कि जंगलों में अचार गुठली संग्रहण प्रभावित है। इसका असर बाजार पर पड़ा है।

    समर्थन मूल्य 109 रुपए, बाजार में 300 रुपए तक

    वन विभाग की ओर से अचार गुठली का समर्थन मूल्य 109 रुपए प्रति किलो निर्धारित है। इस समय बाजार का भाव 250-300 रुपए हो गए हैं। व्यापारी बता रहे हैं कि बाजार में मांग ज्यादा होने तथा आपूर्ति कम होने से संग्राहकों को ज्यादा भाव दिए जा रहे हैं।

    पांच किलो अचार से एक किलो चिरौंजी

    वन विभाग के सेवानिवृत्त एसडीओ वृक्षमित्र रविन्द्र सिंह बताते हैं कि पांच किलो अचार गुठली को फोडऩे पर एक किलो चिरोंजी मिलती है। यह दुख की बात है कि चार साल से अचार गुठली के समर्थन मूल्य यथावत है, जबकि इसे 300 रुपए किलो किया जाना चाहिए। इससे उत्पादन में वृद्धि होगी।

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