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    मनोज जरांगे

    मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मराठों को आरक्षण देने के लिए विशेष सत्र बुलाने के बजाय महाराष्ट्र विधानमंडल के आगामी शीतकालीन सत्र में एक विधेयक पारित करने का राज्य सरकार से मंगलवार को अनुरोध किया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गृह नगर ठाणे में एक रैली को संबोधित करते हुए जरांगे ने सरकार को 24 दिसंबर की समय सीमा की याद दिलाई, जो उन्होंने मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए रखी है।

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    आगामी सत्र में मराठों को दें आरक्षण

    मनोज जरांगे ने जोर देते हुए कहा ‘महाराष्ट्र सरकार 7 दिसंबर से होने वाले राज्य विधानमंडल के आगामी सत्र में एक विधेयक पारित कर सकती है। विशेष सत्र बुलाने के बजाय, नवीनतम (कुनबी) रिकॉर्ड निष्कर्षों के आधार पर आगामी सत्र में ही मराठों को आरक्षण दें।’

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    सीएम शिंदे ले सकते हैं फैसले

    उन्होंने कहा कि जिन लोगों का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, उनके लिए कोटा देने के लिए 2001 आरक्षण अधिनियम का फॉर्मूला लागू किया जाए।  सीएम शिंदे इस पर फैसला ले सकते हैं। 

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    जारांगे ने कहा, अगर 24 दिसंबर तक आरक्षण नहीं दिया गया तो हम अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे। 25 दिसंबर से आंदोलन इतना उग्र हो जाएगा कि सरकार संभाल नहीं पाएगी। 

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    छगन भुजबल को भुगतने होंगे परिणाम

    महाराष्ट्र के मंत्री और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) नेता छगन भुजबल का नाम लिए बिना जारांगे ने उनकी आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें बाद में परिणाम भुगतने होंगे। 

    महाराष्ट्र के मंत्री एवं ओबीसी नेता छगन भुजबल का नाम लिये बगैर जरांगे ने उनकी आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें बाद में अंजाम भुगतना होगा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता भुजबल ओबीसी कोटा से आरक्षण मुहैया करने की जरांगे की मांग का विरोध करने में आगे रहे हैं।  जरांगे ने कहा कि कोटा की मांग को लेकर अपने अनशन के कारण वह शारीरिक रूप से कमजोर हो गए हैं। 

    उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मेरी शारीरिक हालत पर न जाएं. मैं किसी भी स्थिति का सामना और पलटवार कर सकता हूं। ” उन्होंने जोर दिया कि वह आखिरी सांस तक लड़ेंगे। 

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