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    किसान के जनधन खाते – महाराष्ट्र से एक बहुत ही चौकाने वाला मामला सामने आया है|

    जिसके बाद बैंक के अधिकारी एक किसान के जनधन खाते से गुहार लगा रहे हैं|

    हमेशा हमने देखा है कि बैंककर्मी वसूली के लिए बैंक के ग्राहक पर दबाव डालते है|

    और कोशिश करते है कि वो बकाया राशि जमा करा दें, लेकिन यहां मामला उल्टा है|

    बैंक के अधिकारियों को एक किसान से 15 लाख रुपए भी चाहिए और चाहकर भी वो उस पर दबाव नहीं बना सकते हैं|

    मामला महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के पैठक कस्बे के ज्ञानेश्वर ओटे से जुड़ा हैं|

    उनके बैंक ऑफ बड़ौदा के जनधन खाते में कुछ महीने पहले 15 लाख 34 हजार रुपए जमा हुए|

    ज्ञानेश्वर ने कुछ दिनों तक इंतजार किया, लेकिन न तो उनके अकाउंट से रुपए वापस हुए और न ही उनसे इस बारे में किसी ने कोई पूछताछ की| किसान के जनधन खाते, ज्ञानेश्वर को लगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में किया अपना वादा पूरा करते हुए उसके खाते में 15 लाख रुपए जमा कराए है|

    इस खुशी में उसने खाते में से नौ लाख रुपए निकालकर अपना नया घर बना लिया.

    किसान के जनधन खाते, पंचायत के अकाउंट में जमा करनी थी राशि

    बैंक ऑफ बड़ौदा को यह राशि पिंपलवाडी ग्राम पंचायत के खाते में ट्रांसफर करनी थी और गलती से ज्ञानेश्वर के खाते में ट्रांसफर हो गई|

    कई महीनों बाद बैंक की आंतरिक जांच में इस बात का खुलासा हुआ|

    इसके बाद ज्ञानेश्वर के खाते में बचे छह लाख रुपए बैंक ने डेबिट कर लिए|

    अब बैंक के अधिकारी शेष राशि लौटाने के लिए ज्ञानेश्वर से गुहार लगा रहे हैं|

    ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि बैंक ने गलती से इस किसान के खाते में 15 लाख रुपए जमा करा दिए है.

    ज्ञानेश्वर को लगा कि जनधन खाते में जो 15 लाख आए हैं, वह केंद्र सरकार ने भेजे हैं|

    इसके बाद किसान ने खत लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया|

    किसान ने खत में लिखा कि आपका बहुत-बहुत आभार जताता हूं.

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