समाज के लोगों ने लकड़ियों के लिए रुपए दिए तो बेटे का अंतिम संस्कार हो पाया। गैंगस्टर 2 दिन से पोती बीमार है। दवाई के लिए रुपए चाहिए, वो कहां से लाऊं? मन करता है इनको जहर दे दूं और खुद भी मर जाऊं।’
यह दर्द उस मां का है, जिसका बेटा राजस्थान का कुख्यात गैंगस्टर था। जिसे तीन स्टेट की पुलिस ढूंढ़ रही थी। भौकाल ऐसा कि बातचीत में नाम का जिक्र भी होता तो रूहें कांप जाती थीं, सिर्फ आम लोगों की नहीं, बड़े-बड़े नेताओं की भी।
इसी भौकाल ने गैंगस्टर को सोशल मीडिया स्टार बना दिया। लाखों फॉलोअर्स जो गैंगस्टर से जुड़े किसी भी पोस्ट पर लाइक, कमेंट और शेयर की बाढ़ लगा देते। फॉलोअर्स को लगता लाइफ हो तो ऐसी, बिल्कुल पिक्चर परफेक्ट|
लेकिन 8 महीने पहले UP पुलिस की बंदूक से निकली 3 गोलियों ने एक झटके में सारे भ्रम तोड़ दिए।
गैंगस्टर के एक फोन से मुंह मांगी फिरौती अड्डे तक पहुंच जाती थी, आज उसी का परिवार भूख और मुफलिसी झेल रहा है
जिस गैंगस्टर के एक फोन से मुंह मांगी फिरौती अड्डे तक पहुंच जाती थी|
आज उसी का परिवार भूख और मुफलिसी झेल रहा है।
इतने रुपए भी नहीं कि बच्चों के लिए दूध खरीद सके।
जिस लड़की ने 12 साल पहले गैंगस्टर से लव मैरिज की|
खुली आंखों से हजारों सपने देखे थे, आज उन आंखों में सिर्फ आंसू हैं।
गैंगस्टर्स की रील लाइफ का भ्रम तोड़कर रियल लाइव का कड़वा सच बताती भास्कर की स्पेशल सीरीज गैंगस्टर्स का पाताल लोक में आज बात धौलपुर के खूंखार गैंगस्टर मुकेश ठाकुर की।
कोर्ट आने-जाने के भी रुपए नहीं
मुकेश ठाकुर की कहानी जानने भास्कर टीम जयपुर से 300 किलोमीटर दूर धौलपुर शहर पहुंची।
मुकेश धौलपुर के जारगा गांव का रहने वाला था, लेकिन अब परिवार शहर में ही रहता है।
भास्कर टीम मुकेश के घर पहुंची तो कुछ लोग बाहर के कमरे में बैठे थे।
हमें देखकर आपस में काना-फूसी करने लगे।
हमने पूछा तो बोले- 8 महीने बाद कोर्ट से एनकांउटर की जांच के लिए एक बयानों का नोटिस आया है।
परिवार ने एनकाउंटर को फर्जी बताकर UP पुलिस पर सवाल उठाए थे।
याचिका तो लगा दी, लेकिन अब चिंता है कोर्ट आने-जाने के लिए रुपए कहां से आएंगे।