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    महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक सुबह सात बजे से ED ऑफिस में हैं और उनसे लगातार पूछताछ जारी है।

    उद्धव ठाकरे की सरकार में नवाब मलिक के पास अल्पसंख्यक, उद्यम और कौशल विकास का कैबिनेट मंत्रालय है।

    साथ ही वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं और पार्टी के मुंबई शहर के अध्यक्ष भी हैं।

    मलिक ने अपने करियर की शुरुआत एक कबाड़ी के रूप में शुरू की थी और कुछ साल पहले तक वे इससे जुड़े रहे हैं।

    मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के रहने वाला नवाब मलिक का परिवार खेती बाड़ी से जुड़ा था।

    ED- परिवार के कुछ सदस्य कारोबार से जुड़े थे|

    इसलिए पूरा परिवार आर्थिक रूप से संपन्न था।

    नवाब का जन्म 20 जून 1959 को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के उतरौला तालुका के एक गांव में हुआ था।

    मलिक परिवार का मुंबई में एक होटल था और परिवार के अन्य सदस्य कबाड़ के कारोबार से जुड़े थे।

    मलिक ने भी एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था, “हां, मैं कबाड़ीवाला हूं। मेरे पिता मुंबई में कपड़े और कबाड़ का कारोबार करते थे।

    विधायक बनने तक मैंने भी कबाड़ का कारोबार भी किया। मेरा परिवार अब भी वही करता है। मुझे इस पर गर्व है।”

    नवाब मलिक सुबह सात बजे से ED ऑफिस में हैं

    पहले लोकसभा चुनाव में मिले सिर्फ 2620 वोट नवाब मलिक ने अपना पहला लोकसभा चुनाव कांग्रेस की ओर से गुरुदास कामत|

    भाजपा की ओर से प्रमोद महाजन के खिलाफ 1984 में लड़ा था।

    उस समय मलिक की उम्र सिर्फ 25 साल थी।

    कामत को दो लाख 73 हजार वोट मिले और उन्होंने 95 हजार वोटों से प्रमोद महाजन को हराया था।

    उस चुनाव में मलिक को सिर्फ 2620 वोट ही मिले थे।

    मलिक ने संजय विचार मंच से चुनाव लड़ा था।

    लेकिन उनके पास एक राजनीतिक दल का दर्जा नहीं है|

    इसलिए इस चुनाव में उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार ही माना गया।

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