सफेद साड़ी में लिपटीं लता मंगेशकर सादगी की मिसाल थीं। कामयाबी के शिखर पर पहुंचकर लोग अपना ड्रेसिंग सेंस बदल लेते हैं, लेकिन लता दीदी हमेशा अपने साधारण अंदाज से ही फैन्स के दिलों को जीतती आईं। वे हमेशा सफेद साड़ी ही पहना करती थीं और इसके अलावा उन्हें दूसरा कुछ कभी नहीं भाता था। लता दीदी को सफेद साड़ी से क्यों इतना लगाव था, इसका जिक्र उनकी बायोग्राफी ‘सुर गाथा’ में किया गया है।
कम ही लोग जानते हैं कि लता जी पैरों में कभी चांदी की पायल नहीं पहनती थीं, हमेशा सोने की पायल ही पहनी। इस बात को लेकर राज कपूर ने उन्हें टोका भी, लेकिन सोने की पायल पहनना नहीं छोड़ा।
यतींद्र मिश्र की लिखी इस किताब में जब लता जी से पूछा गया था कि वे हमेशा सफेद साड़ी ही क्यों पहनती हैं, इसके पीछे कोई कारण है या उन्हें रंगों से परहेज है?…तो वे बोलीं, ‘रंग मुझे अच्छे लगते हैं और वे सब साड़ियों में खूब फबते भी हैं, लेकिन दूसरों पर…। खुद मुझे रंगीन कपड़े पहनना अटपटा सा लगता है।
इसके पीछे कोई कारण नहीं है लेकिन अगर मैंने कभी लाल या नारंगी रंग की साड़ी पहनी तो मुझे महसूस
होता है कि किसी ने मुझ पर होली के रंग डाल दिए हैं इसलिए मुझे सफेद या चंदन जैसा रंग
पसंद आता है साड़ी जितनी सफेद होती है मेरा मन उतना ही प्रसन्न हो जाता है आप सोच रहे होंगे
कि ऐसा भी क्या रंगों से परहेज करना लेकिन मैं क्या करूं मुझे डार्क शेड के कपड़े जंचते ही नहीं .
लता दीदी की यादें:सिल्क साड़ी नहीं थी पसंद
लता जी ने ये भी बताया था कि उन्हें कॉटन की साड़ियां ही पसंद आती थीं चंदेरी कॉटन या लखनवी
चिकन की साड़ियां उनकी पसंदीदा थीं बंगाल और महाराष्ट्र की साड़ियां भी उन्हें काफी अच्छी लगती थीं कांजीवरम साड़ियां भी
जंचती थीं लेकिन बनारसी साड़ी उन्हें रास नहीं आती थीं क्योंकि वो हैवी हुआ करती हैं.
सफेद साड़ी पहनने की ये भी थी वजह
किताब में लता जी ने एक किस्सा बताते हुए कहा था कि कैसे सफेद साड़ी को उनके व्यक्तित्व से जोड़कर
देखा जाने लगा था, वही उनकी पहचान भी बन गई थी लता दीदी ने कहा था, ‘मेरे
व्यक्तित्व पर सफेद रंग सही ढंग से खिलता है और लोगों को भी शायद मैं सफेद साड़ी में ही ठीक
लगती हूं एक बार मुंबई में बहुत बारिश हो रही थी। मुझे समझ नहीं आया कि मैं रिकॉर्डिंग पर क्या पहनूं?
मैंने क्रेप शिफॉन की साड़ी पहनी जो शायद ऑरेंज या पीले रंग की थ मुझे उस साड़ी में देखकर रिकॉर्डिस्ट
ने पूछा ये आप क्या पहनकर आ गईं? मैंने कहा ‘इतनी बारिश में भीगती हुई आई हूं
क्रेप साड़ी पर पानी जल्दी सूख जाता है लेकिन कॉटन में ऐसा नहीं होता इसलिए ये पहनना पड़ा तो वो
बोले अच्छा नहीं लग रहा है, आप वही पहना करो, जैसा आप हमेशा पहनती हो आप हमें वैसे
ही अच्छी लगती हो, इस कपड़े में नहीं.