केरल का एक कपल चार महीनों के संघर्ष के बाद अपने घर केरल पहुंचा। पिछले साल अगस्त में उनकी शादी हुई थी। अखिल रेघु मालवाहक जहाज पर पोस्टेड थे, जहां उनके जहाज को हाईजैक कर लिया गया। वहीं, दूसरी ओर भारतीय लड़की जितिना जयकुमार यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही थीं। वह भी रूस और यूक्रेन जंग के बीच फंस गई। रेघु और उनके सहयोगियों को यमन में 112 दिन बिताने के बाद आखिरकार पिछले सप्ताह रिहा कर दिया गया। अब रेघु और जयकुमार केरल के कोच्चि अपने देश वापस आ गए हैं, जहां उनके पिता का कैंसर का इलाज चल रहा है।
लाल सागर में 7 लोगों को किया गया किडनैप
अलग-अलग संघर्ष के बाद इंडियन कपल अपने घर केरल पहुंचा। 26 वर्षीय अखिल रघु उन सात भारतीय नाविकों में शामिल थे, जिन्हें जनवरी में लाल सागर में हूथी विद्रोहियों द्वारा मालवाहक जहाज के अपहरण के बाद पकड़ लिया गया था। उनकी 23 वर्षीय भारतीय लड़की जितिना जयकुमार यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही थीं। उन्होंने अपने देश वापस लौटने के लिए सरकारी अधिकारियों को कई मेल और कॉल किया था। इसके बाद उनकी वतन में वापसी हई।
40 लोगों ने जहाज पर किया कब्जा
सजीवन ने बताया कि 2 जनवरी 2022 की सुबह क्रू मेंबर्स ने जहाज पर फायरिंग की आवाज सुनी। छोटी नावों में लगभग 40 लोगों ने जहाज को घेर लिया था। वे सभी जहाज पर आ गए। तभी हमें पता चला कि जहाज को हाईजैक कर लिया गया है।
भारतीय लड़की जितिना जयकुमार मेडिकल की पढ़ाई कर रही थीं
4 महीने तक विद्रोहियों की कैद में थे लोग
हूथी विद्रोहियों ने जाहज पर कब्जा कर लिया क्योंकि उन्हें लगा कि यह सऊदी अरब को सैन्य आपूर्ति कर रहा है। उन्होंने बताया कि सिपाही हर 15 दिनों में जहाज और यमन की राजधानी सना के एक होटल में आते जाते रहते थे।
सजीवन ने आगे बताया कि, “हमें एक बाथरूम वाले सुइट में रखा गया था|
बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी।
लेकिन हम मेनू कार्ड से जो कुछ भी खाना चाहते हैं|
ऑर्डर कर सकते हैं।
लोग ज्यादातर अंदर ही रहते थे।
धूप कभी-कभी नसीब होती थी।
जयकुमार ने बंकर में छिप कर बचाई जान
सजीवन ने कहा, कीव में जब मेरी पत्नी जयकुमार को एहसास हुआ कि कुछ गलत हो रहा है।
इतने दिन से उनके पति ने उन्हें कोई फोन नहीं किया और न ही किसी फोन का जवाब भी नहीं आया|
तो फिर इनके पति के बड़े भाई ने बताया कि जिस शिपिंग कंपनी के लिए उनके पति काम करते हैं|
उस जहाज को हाईजैक कर लिया गया है।
पति की जान बचाने कि लिए मांगी मदद
अपने पति के जहाज के हाईजैक की सूचना के बाद जयकुमार ने मदद के लिए भारत में सरकारी अधिकारियों से संपर्क किया|
जबकि उनके दोस्तों ने मदद के लिए खाना बनाया और सहायता प्रदान की।
जयकुमार बताती हैं कि जब युद्ध शुरू हुआ|
तो मैं अपने दोस्तों के साथ बंकर में शरण लेने के लिए मजबूर थी।