जोशीमठ में एक राहत केंद्र की स्थापना उन लोगों के परिवारों की मदद के लिए की गई है, जिन्होंने हाल ही में आई बाढ़ में अपना घर खो दिया है। केंद्र में स्थानांतरित किए जा रहे सभी परिवारों को भोजन, आश्रय और चिकित्सा देखभाल दी जाएगी।
उत्तराखंड के जोशीमठ को आपदा संभावित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही जोशीमठ और आसपास के इलाकों में निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। वहीं प्रशासन भी लोगों को राहत सामग्री बांटने में जुटा हुआ है और लोगों को सुरक्षित ठिकाने पर भी पहुंचाया जा रहा है।
लोगों को बांटी जा रही राहत सामग्री
चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “जोशीमठ को आपदा संभावित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। जल शक्ति मंत्रालय की एक टीम सहित केंद्र सरकार की दो टीमें यहां पहुंच रही हैं। जोशीमठ और आसपास के इलाकों में निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। प्रभावित लोगों को सूखे राशन के किट बांटे जा रहे हैं।”
पुष्कर सिंह धामी ने बुलाई हाई लेवल मीटिंग
जोशीमठ को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज हाईलेवल मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में चमोली के जिलाधिकारी और गढ़वाल के कमिश्नर भी शामिल होंगे। साथ ही राज्य और आपदा प्रबंधन विभाग के बड़े अधिकारी भी मीटिंग में शामिल होंगे। इस मीटिंग में हालातों से निपटने पर चर्चा की जाएगी।
वहीं इस पूरे मुद्दे पर पुष्कर सिंह धामी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “हमने सभी से एक टीम के रूप में काम करने और जोशीमठ को बचाने की अपील की है। (लोगों के) 68 घर जो खतरे में थे, उन्हें स्थानांतरित कर दिया गया है। 600 से अधिक घरों का एक क्षेत्र बन गया है और उन्हें स्थानांतरित करने के प्रयास चल रहे हैं। पीएम भी इसकी निगरानी कर रहे हैं और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।”
NDRF की एक और एसडीआरएफ SDRF की चार टीमें मौजूद
बता दें कि रविवार को पीएमओ में जोशीमठ को लेकर हाई लेवल मीटिंग हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने इस मीटिंग की अध्यक्षता की। वहीं इस मीटिंग में उत्तराखंड के बड़े अधिकारी भी शामिल हुए थे। अधिकारियों ने बताया कि जोशीमठ में एनडीआरएफ की एक और एसडीआरएफ की चार टीमें मौजूद हैं। इसके साथ ही सीमा प्रबंधन सचिव, एनडीएमए के सदस्य स्थिति का जायजा लेने के लिए सोमवार को उत्तराखंड जाएंगे।”