वाराणसी के मां शृंगार गौरी-ज्ञानवापी विवाद पर आज से जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट सुनवाई करेगी। बताया जा रहा है कि दोनों पक्षों के अधिवक्ता कोर्ट पहुंच गए हैं और मामले की सुनवाई सुबह 11:30 बजे के बाद हो सकती है। कोर्ट में डीजीसी सिविल के प्रार्थना पत्र के अलावा हिंदू पक्ष और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से दाखिल की गई आपत्तियों पर भी बहस होगी।
कोर्ट में यह भी तय होगा कि वाराणसी ज्ञानवापी प्रकरण में उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 लागू होता है या नहीं। संभावना यह भी है कि एडवोकेट कमिश्नर की टीम द्वारा किए गए ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की रिपोर्ट पर भी जल्द ही चर्चा शुरू हो सकती है। सुनवाई से पहले मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव का बड़ा बयान आया है । उन्होंने कहा कि पहले यह तय किया जाए कि मामला चलने योग्य है या नहीं?
रिपोर्ट से कुछ भी लीक नहीं हुआ- विशाल सिंह
ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे रिपोर्ट पर कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष सहायक आयुक्त अधिवक्ता विशाल सिंह ने कहा कि आज जिला न्यायालय में फाइल कुछ पल में आएगी।जिला न्यायालय के न्यायाधीश के द्वारा मामले की सुनवाई की जाएगी। न्यायालय का जो भी आदेश होगा, वह हमें स्वीकार्य होगा।
उन्होंने बताया कि यह रिपोर्ट निष्पक्ष है। मैंने दोनों पक्षों की ओर से कही गई हर बात का जिक्र किया है । रिपोर्ट से कुछ भी लीक नहीं हुआ है और यह दायर होने तक गोपनीय है ।वर्ष 1991 में ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर केस दाखिल करने वाले पंडित सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास का कहना है कि मां शृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग की पूजा का अधिकार उन्हें मिले। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी परिसर के दक्षिणी तहखाने की चाबी आज भी उनके और प्रशासन के पास है।