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    कुत्ते कहेंगे ‘मेरा अधिकार…मेरी पहचान’, कुत्तों का बनाया गया आधार कार्ड

    मेरा अधिकार…मेरी पहचान

    ‘मेरा अधिकार…मेरी पहचान’ ये लाइन आपने आधार कार्ड में देखी होगी। आधार कार्ड आज के समय में भारतीयों के पहचान का एक प्रमुख डॉक्यूमेंट बन चुका है। सरकार आधार कार्ड को सभी जरूरी सेवाओं से जोड़ने में लगी हुई है, ताकि कहीं से भी किसी भी सरकार सेवाओं का लाभ लिया जा सके।आधार कार्ड अब तक भारतीय इंसानों की पहचान हुआ करता था, लेकिन अब आधार कार्ड के माध्यम से कुत्तों की भी पहचान होगी। जी हां अब भारत में कुत्तों का भी आधार कार्ड बनाया जाएगा। मुंबई में ये प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है।

    सायन के एक इंजीनियर अक्षय रिडलान ने इस पहल को शुरू किया है। अक्षय की मानें तो इसकी शुरुआत सुबह लगभग 8.30 बजे हुई। क्यूआर कोड टैग को ठीक करने और कुत्तों को टीका लगाने के लिए उनका पीछा भी करना पड़ा। इस आधार कार्ड से यह फायदा होगा कि यदि कोई पालतू जानवर खो जाता है या स्थानांतरित हो जाता है। तो क्यूआर कोड टैग की मदद से उसे उसके परिवार से दोबारा मिलाया जा सकता है। इससे एक फायदा यह भी होगा कि बीएमसी शहर के आवारा कुत्तों या अन्य जानवरों की जानकारी से जुटा सकती है।

    मेरा अधिकार…मेरी पहचान

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    ‘मेरा अधिकार…मेरी पहचान’: क्यूआर कोड टैगिंग

    मुंबई के बांद्रा इलाके की रहने वाली सोनिया शेलार रोजाना लगभग 300 आवारा कुत्तों को खाना खिलाती हैं। इन कुत्तों में हवाई अड्डे के बाहर के कुत्ते भी शामिल हैं। सोनिया ने बताया कि इस अभियान के लिए उनका काम कुत्तों को पास लाना था। जबकि बीएमसी के एक पशु चिकित्सक ने टीका लगाया और पाव फ्रेंड के एक सदस्य ने टैग लगाया।वहीं बीएमसी के पशु चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाओं के प्रमुख डॉ कलीम पठान ने कहा कि इन कुत्तों को टीका लगाया गया और उनके स्वास्थ्य जांच भी की गई है। उन्होंने कहा कि जितने भी कुत्ते पकड़े गए हैं उनकी नसबंदी कर दी गई है। डॉ कलीम पठान ने कहा कि हवाईअड्डे के बाहर कुत्तों को दिया गया क्यूआर कोड टैगिंग एक पायलट प्रोजेक्ट है। हम इसे आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे।

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