पेंसिल की कतरन गले में फंस जाने से छह वर्षीय बच्ची की मौत हो गई. कक्षा 1 की छात्रा अर्तिका अपने भाई-बहनों के साथ पहाड़ी वीर गांव में अपने घर की छत पर पढ़ रही थी. वह कटर को मुंह में दबाकर पेंसिल छील रही थी। तभी कटर से पेंसिल की छीलन निकली और उसकी सांस की नली में फंस गई. लड़की सांस नहीं ले पा रही थी और उसकी हालत बिगड़ने पर उसके भाई-बहनों ने अपने माता-पिता को सूचित किया, जो उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.परिजन ने पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया और शव लेकर घर लौट गए.
राठ कोतवाली क्षेत्र के पहाड़ी वीर गांव में रहने वाले नंदकिशोर के दो बेटियां और एक बेटा है. बड़ा बेटा अभिषेक (12), बेटी अंशिका (8) और अर्तिका (6) गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में पढ़ती हैं. कक्षा एक में पढ़ने वाली अर्तिका अपनी बहन और भाई के साथ हर दिन स्कूल जाती थी. हादसे के दिन वह स्कूल से घर आने के बाद खाना खाया.
बच्ची को तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया
रात के वक्त सभी भाई-बहन एक जगह बैठकर होम वर्क कर रहे थे. इसी बीच अर्तिका कटर से पेंसिल छीलने लगी. इसी बीच उसकी एक नादानी उसकी मौत की वजह बन गई. दरअसल उसने पेंसिल को मुंह में डालकर छिलका हटाने लगी. ऐसा करते ही छिलका उसके गले में फंस गया. उसे सांस लेने में दिक्कत होने पर उसके भाई और बहन ने मां को जानकारी दी. बच्ची को तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी. ये हादसा अभिभावकों के लिए एक सबक की तरह है कि वह बच्चों को ऐसी लापरवाहियों से दूर रहने की सीख दें.