अमोघ लीला दास सोशल मीडिया का जाना पहचाना नाम है। उनके मोटिवेशनल और भक्ति वीडियोज अक्सर वायरल होते रहते हैं। अमोघ लीला दास का असली नाम आशीष अरोड़ा है। वह आध्यात्म गुरु, इस्कॉन (ISKCON) मंदिर द्वारका (दिल्ली) के उपाध्यक्ष और मोटिवेशनल स्पीकर हैं. अमोघ लीला दास सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे और अपनी नौकरी छोड़कर संत बने।
इस्कॉन ने लीला दास पर प्रतिबंध लगा दिया क्योंकि उसने स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस के बारे में की गईं टिप्पणी ने विवाद पैदा किया था।
“क्या कोई सदाचारी व्यक्ति कभी मछली खाएगा? मछली को भी दर्द होता है ना?” अमोघ लीला दास एक सभा को संबोधित करते हुए कहते हैं। इसी सत्र में उन्होंने स्वामी विवेकानन्द के गुरु और रामकृष्ण परमहंस पर भी कटाक्ष किया।
उनकी टिप्पणियों को कई नेटिज़न्स ने देखा और सवाल उठाए, जिसके बाद इस्कॉन (ISKCON) आगे आया और उन पर एक महीने का प्रतिबंध लगा दिया।
गौरतलब है कि स्वामी विवेकानंद की मछली खाने की आलोचना करते हुए अमोघ लीला दास ने कहा कि एक सदाचारी व्यक्ति कभी भी किसी जीव को नुकसान नहीं पहुंचा सकता। जितनी राय उतने रास्ते, या “जतो मत ततो पथ” (हर रास्ता एक ही मंजिल तक नहीं जाता) की शिक्षा पर भी व्यंग्यात्मक टिप्पणी की।
एक महीने के लिए लगा है ISKCON का प्रतिबंध
बयान में कहा गया है कि दास की गलती को ध्यान में रखते हुए इस्कॉन ने उन पर एक महीने के लिए प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। हमने उन्हें अपना निर्णय बता दिया है। अमोघ लीला दास ने अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगी है। उन्हें एहसास हो रहा है कि उन्होंने कितनी बड़ी गलती की है उन्होंने एक महीने तक गोवर्धन पर्वत पर जाकर प्रायश्चित करने का निर्णय लिया है। वह तत्काल प्रभाव से खुद को पूरी तरह अलग कर लेंगे।
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