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    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्पूरी ठाकुर, चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और एमएस स्वामीनाथन को दिया भारत रत्न सम्मान

    Bharat Ratna award

    राष्ट्रपति भवन में ‘भारत रत्न’ सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व प्रधानमंत्रियों पीवी नरसिंह राव और चौधरी चरण सिंह को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मू ने कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन, ‘जननायक’ कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया। पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के बेटे पीवी प्रभाकर राव ने सम्मान ग्रहण किया। रालोद प्रमुख जयंत सिंह ने पुरस्कार ग्रहण किया। दिवंगत कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन की बेटी नित्या राव को उनके पिता द्वारा दिया गया भारत रत्न दिया गया। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर को उनके पिता को भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

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    राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा भारत रत्न सम्मानिति

    दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न पुरस्कार प्रदान किया गया। यह पुरस्कार उनके पुत्र रामनाथ ठाकुर ने प्राप्त किया। कृषि विज्ञानी एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार एमएस स्वामीनाथन की बेटी नित्या राव ने प्राप्त किया।

    पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को (मरणोपरांत) भारत रत्न प्रदान किया गया। यह पुरस्कार चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत सिंह ने प्राप्त किया। पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव (मरणोपरांत)भारत रत्न सम्मान दिया गया। यह पुरस्कार उनके बेटे पीवी प्रभाकर राव ने प्राप्त किया। इस मौके पर पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित कई हस्तियां मौजूद रहे।

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    भारत रत्न: असाधारण सेवा की पहचान के लिए सर्वोच्च गौरव

    देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान जो किसी क्षेत्र में असाधारण और सर्वोच्च सेवा को मान्‍यता देने के लिये दिया जाता है। इसकी शुरुआत 2 जनवरी, 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने की थी। सबसे पहला सम्मान स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकट रमन को 1954 में दिया गया था।

    भारत रत्न के मेडल में तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लैटिनम का चमकता सूर्य बना हुआ होता है। पत्ते का किनारा भी प्लैटिनम का बना होता है। इसके नीचे चांदी से हिंदी में भारत रत्न लिखा रहता है। इसके पीछे की तरफ अशोक स्तंभ के नीचे हिंदी में सत्यमेव जयते लिखा होता है।

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