कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर पद छोड़ने के बाद बीएस येदियुरप्पा ने घोषणा की कि वह प्रतिष्ठित पद के लिए कोई नाम नहीं सुझाएंगे.
राज्यपाल थावरचंद गहलोत को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद उन्होंने यह भी कहा कि वह पार्टी द्वारा चुने गए उम्मीदवार को पूरा सहयोग देंगे.
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि येदियुरप्पा अपने खेमे से किसी उम्मीदवार को पद पर बिठाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
उन्होंने कहा, “मैं किसी का नाम नहीं सुझाऊंगा. नया मुख्यमंत्री चुनना भाजपा पार्टी आलाकमान का विशेषाधिकार है.”
येदियुरप्पा द्वारा इस्तीफे की घोषणा के तुरंत बाद मृतक परेशान था।
पुलिस ने कहा येदियुरप्पा की घोषणा के बाद वह बहुत आहत हुआ और उसने खुद को पूरे दिन पास के एक कमरे में बंद कर लिया और शायद उसने आधी रात के दौरान फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।
इसके बाद से उनके चाहने वालों में और खासकर लिंगायत समुदाय में रोष का माहौल है।
पूर्व सीएम येदियुरप्पा ने शांति बनाए रखने की अपील की
पुलिस ने कहा कि रवि एक दिहाड़ी मजदूर था और एक छोटी सी चाय की दुकान में भी काम करता था।
येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद राज्य में एक 35 वर्षीय शख्स ने आहत होकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान राज्य की राजधानी बेंगलुरु से 195 किलोमीटर दूर स्थित चामराजनगर जिले के बोम्मलपुर गांव के रहने वाले रवि उर्फ रचप्पा के रूप में हुई है।
पुलिस ने कहा कि येदियुरप्पा द्वारा इस्तीफे की घोषणा के तुरंत बाद मृतक परेशान था।
इस बीच, येदियुरप्पा ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ता है और इसके लिए किसी को भी अपना कीमती जान खोने की जरूरत नहीं है।
पुलिस ने कहा, ‘येदियुरप्पा की घोषणा के बाद, वह बहुत आहत हुआ और उसने खुद को पूरे दिन एक कमरे में बंद कर लिया और शायद उसने आधी रात के दौरान फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।’
पुलिस ने यह भी कहा कि इस पूरे मामले और अन्य एंगल से भी जांच की जा रही है।
प्रथम दृष्टया जांच के अनुसार पुलिस ने दावा किया कि रवि निवर्तमान मुख्यमंत्री येदियुरप्पा का बहुत बड़ा प्रशंसक था।
पुलिस के अनुसार, ‘परिवार के सदस्य दावा कर रहे हैं कि वह येदियुरप्पा का कट्टर प्रशंसक था! जबकि गांव के अन्य निवासियों का दावा है हालांकि वह येदियुरप्पा का प्रशंसक था, लेकिन उसने कुछ ऋण लिया था।’
पुलिस ने कहा कि ऋण लेने की बात अभी भी बहुत स्पष्ट नहीं है।
पुलिस ने बताया कि मृत शरीर के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है और वह साक्षर भी नहीं था. इसलिए इस मामले में अटकलें तेज हैं।