केंद्र सरकार ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) में पूर्व अग्निशामकों को 10% आरक्षण दिया है। यह आरक्षण उन लोगों को दिया जाएगा जो पहले या बाद के बैच का हिस्सा हैं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वे बल में कब शामिल हुए थे। गृह मंत्रालय ने 6 मार्च को एक नोटिफिकेशन के जरिए यह ऐलान किया है।
गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 (1968 का 47) की धारा 141 की उप-धारा (2) के खंड (बी) और (सी) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत गुरुवार को जारी एक अधिसूचना के माध्यम से यह घोषणा की। इसमें पूर्व-अग्निवीरों को शारीरिक दक्षता परीक्षा देने से छूट का भी प्रावधान है।
25 प्रतिशत अग्निवीरों को बरकरार रखने का नियम
गृह मंत्रालय ने अग्निवीर कार्यक्रम को समाप्त करने का निर्णय लिया है, जिसकी कम अवधारण दरों के लिए आलोचना की गई थी। कार्यक्रम के तहत, रक्षा बलों में केवल 25% अग्निवीरों को उनके चार साल के कार्यकाल को पूरा करने के बाद बनाए रखा जाएगा, जबकि शेष 75% को चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा। इससे पहले, केंद्र ने घोषणा की थी कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और असम राइफल्स में 10% रिक्तियां पूर्व अग्निशामकों के लिए आरक्षित होंगी।
आयु सीमा में भी छूट
पूर्व-अग्निवीरों के पहले बैच के लिए अधिकतम आयु सीमा में पांच साल तक और बाद के बैचों के लिए तीन साल तक की छूट दी गई है। इसके अलावा पूर्व-अग्निवीरों को शारीरिक दक्षता परीक्षा से छूट दी जाएगी। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में भर्ती के लिए आयु सीमा 18-23 वर्ष है। कोई भी व्यक्ति जो 17-22 वर्ष की आयु में अग्निवीर के रूप में नामांकित है, वह 26 वर्ष की आयु तक सीएपीएफ में भर्ती के लिए अप्लाई कर सकता है।
सीएपीएफ और असम राइफल्स को भी होगा फायदा
अग्निवीरों को सीएपीएफ में समाहित करने का गृह मंत्रालय का फैसला इस मायने में महत्वपूर्ण है कि यह युवाओं को केंद्रीय अर्ध-सैन्य बलों और असम राइफल्स में लंबे कैरियर की पेशकश करके प्रोत्साहित करेगा। यह सीएपीएफ और असम राइफल्स दोनों के लिए लाभदायक होगा जिससे उन्हें 73,000 से अधिक रिक्तियों को भरने में मदद मिलेगी। इस कदम से सीएपीएफ को पूर्व-भर्ती चरण में ही प्रशिक्षित कर्मी मिल सकेंगे और इससे पहले कि नए रंगरूट फील्ड ड्यूटी कर सकें, उनके समय और प्रशिक्षण लागत की बचत होगी।