सरकार ने तांबे के उत्पादों, ड्रम और टिन कंटेनर के लिए गुणवत्ता मानदंड जारी करके घटिया वस्तुओं के आयात पर नियंत्रण लागू करने और घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कदम उठाया है। इसके तहत, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने 20 अक्टूबर को दो अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी की हैं – “ड्रम और टिन (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश 2023” और “तांबा उत्पाद (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश 2023″।
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इन दो आदेशों के तहत वस्तुओं का उत्पादन, बिक्री, व्यापार, आयात और भंडारण तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि उन पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) का चिह्न न हो। डीपीआईआईटी ने कहा कि ये आदेश इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से छह महीने पर प्रभावी होंगे।
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तांबे तथा इसकी मिश्र धातुओं का इस्तेमाल बिजली उत्पादन, बिजली पारेषण, दूरसंचार, विद्युत सर्किट और कई उपकरणों में किया जाता है। इसलिए तांबे के उत्पादों को सर्वोत्तम गुणवत्ता का होना चाहिए और किसी भी कीमत पर शुद्धता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
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इस आदेश के अंतर्गत तांबे के नौ उत्पादों में विद्युत अनुप्रयोगों के लिए तार की छड़ें शामिल हैं, कंडेनसर व हीट एक्सचेंजर्स के लिए ठोस तांबे व तांबे की ट्यूब, फ्रीज तथा एयर कंडीशनिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली तांबे की ट्यूब भी इसके तहत आती हैं।
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तांबे के उत्पादों के आयात पर नियंत्रण
विभाग ने कहा,‘‘ घरेलू लघु/सूक्ष्म उद्योगों की सुरक्षा के लिए, क्यूसीओ गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के सुचारू क्रियान्वयन, व्यापार करने में आसानी को सुनिश्चित करने के लिए, लघु/सूक्ष्म उद्योगों को समयसीमा के संबंध में छूट दी गई है, लघु उद्योगों को अतिरिक्त तीन महीने और सूक्ष्म उद्योगों को अतिरिक्त छह महीने का समय दिया गया है।’’
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इसी तरह ड्रम और टिन का उपयोग मूल रूप से कई अलग-अलग प्रकार के जहरीले, ज्वलनशील तथा खतरनाक पदार्थों के भंडारण और परिवहन के लिए किया जाता है। अपशिष्ट प्रबंधन, स्वास्थ्य देखभाल और खाद्य सेवाओं सहित उद्योगों में इनका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। विभाग ने कहा कि इसलिए यह जरूरी है कि किसी भी प्रकार के रिसाव, मिलावट तथा आग से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए ड्रम और टिन अच्छी गुणवत्ता के होने चाहिए।
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आदेशानुसार, ‘‘ डीपीआईआईटी, बीआईएस और हितधारकों के परामर्श से क्यूसीओ को अधिसूचित करने के लिए प्रमुख उत्पादों की पहचान कर रहा है। इसके तहत 318 उत्पाद मानकों को कवर करने वाले 60 से अधिक नए क्यूसीओ को तैयार करना शुरू किया गया है।’’
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बीआईएस अधिनियम के प्रावधान का उल्लंघन करने पर पहली बार अपराध करने पर दो साल तक की कैद या कम से कम दो लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। दूसरी बार और उसके बाद के अपराधों पर जुर्माना बढ़कर न्यूनतम पांच लाख रुपये हो जाएगा और माल या वस्तुओं के मूल्य के 10 गुना तक बढ़ जाएगा। उपयोगकर्ताओं और निर्माताओं के बीच गुणवत्ता संवेदनशीलता विकसित करने के लिए विभाग द्वारा क्यूसीओ के विकास सहित विभिन्न पहल की जा रही हैं।