EWS Reservation पर पिछले काफी समय से सवाल उठ रहे हैं। इसका विरोध का रहे लोगों का कहना है कि ये संविधान में दिए गए आरक्षण की मूल भावना का उल्लंघन है। हालांकि सरकार का कहना है कि इसका उद्देश्य सिर्फ आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की मदद करना है।
ईडब्ल्यूएस कोटे में आरक्षण चर्चा का विषय बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ आज आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के विरोध में दायर याचिकाओं पर फैसला सुना सकती है। ईडब्ल्यूएस कोटे की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने 27 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि केंद्र सरकार ने 2019 में 103वें संविधान संशोधन विधेयक के जरिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को शिक्षा और नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था की थी।