नौकरीपेशा को इनकम टैक्स छूट के लिए यूनियट बजट का सबसे ज्यादा इंतजार रहता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से 1 फरवरी 2023 को आम बजट पेश किया जाएगा. इस बजट से सबसे ज्यादा उम्मीदें किसानों और नौकरीपेशा को हैं. फिलहाल इनकम टैक्स से छूट की लिमिट ढाई लाख रुपये है. यानी ढाई लाख रुपये सालाना तक कमाने वाले शख्स को किसी तरह का टैक्स नहीं देना होता. करोड़ों नौकरीपेशा की तरफ से इसे बढ़ाने की मांग पिछले बजट की तरह इस बार भी की जा रही है.
टैक्स फ्री है 5 लाख रुपये तक की आय!
हालांकि सेक्शन 87A (Section 87A) के तहत दी गई छूट से ढाई लाख से 5 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम पर टैक्स रिबेट मिल जाती है. नियमानुसार ढाई लाख से ज्यादा की इनकम पर आयकर देने का प्रावधान है. लेकिन ढाई से 5 लाख रुपये तक की इनकम पर बनने वाली टैक्स की राशि में वित्त मंत्रालय की तरफ से सेक्शन 87A के तहत छूट दे दी जाती है. इस तरह 5 लाख तक की आय टैक्स फ्री हो जाती है. लेकिन यदि आप आपकी आय 5 लाख से ज्यादा है तो आपको ढाई लाख से ऊपर की पूरी आय पर टैक्स पे करना होता है.
आयकर छूट सीमा को पांच लाख करने का प्रस्ताव
यही कारण ळै कि पहले की तरह इस बार भी आयकर छूट की सीमा ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किये जाने की मांग की जा रही है. एसोसिएट चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (ASSOCHAM) की तरफ से सरकार को आयकर छूट सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किये जाने का प्रस्ताव दिया गया है. वित्त मंत्री की तरफ से यह मांग मानी जाती है तो आपके हाथ में पहले से ज्यादा पैसा आ सकेगा.
1 फरवरी 2023 को होगा ऐलान
एसोचैम ने वित्त मंत्रालय को भेजी गई सिफारिश में कहा है कि आयकर छूट की लिमिट को बढ़ाकर कम से कम 5 लाख रुपये करना चाहिए. इससे आम आदमी के हाथों में खर्च करने के लिए ज्यादा पैसा बचेगा. इससे आम आदमी की खरीदने की क्षमता बढ़ेगी और बाजार में तेजी आएगी. वित्त मंत्रालय की तरफ से यदि आयकर पर किसी भी प्रकार का फैसला किया जाता है तो वित्त मंत्री इस पर 1 फरवरी 2023 को बजट पेश करने के दौरान ही ऐलान करेंगी.
क्या आयकर छूट बढ़ाना संभव
एसोचैम के अध्यक्ष सुमंत सिन्हा ने पिछले दिनों मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों करों में उछाल से आयकर छूट की लिमिट बढ़ाने में मदद मिलेगी. एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि ग्राहकों के हाथों में ज्यादा पैसा छोड़कर खपत को बढ़ावा मिलेगा.