• Sat. Oct 5th, 2024

    फतेहपुर: 150 KM की रफ्तार से दौड़ रही थी कार, खुले एयरबैग भी नहीं बचा सके जान

    Car Accident

    फतेहपुर जिले के तीन परिवारों में हादसे से मातम छा गया। इस दुखद घटना के कारण, लोगों की आंखों में आंसू और दुःख का सामना हुआ। इस अपरिहार्य दुःख के समय, परिजन अपने प्रियजनों की यादों में विलाप करते रहे। अधिकारिकता के बावजूद, कुछ लोगों ने इस दुखद समय का वीडियो बनाया, जिससे आपा खोते नजर आए। यह सच है कि जब किसी को अपनों की खो जाने का दुख होता है, तो उसे समझाने के लिए कुछ भी नहीं सूझता है।

    Also Read: सेला टनल खुलने पर चीन बोला- अरुणाचल हमारा हिस्सा

    आबूनगर के होम्योपैथ डॉक्टर संजय सचान स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े हैं। उनकी सरकारी व गैरसरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं के लोगों से अच्छे संबंध हैं। बेटे मयंक की सगाई में सभी पहुंचे थे। अचानक लोग सुबह हादसे में मयंक की खबर सुनकर हैरत में पड़ गए। संचालक संजय का मयंक इकलौता पुत्र था।

    Also Read: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर दे सकते हैं इस्तीफा

    वह पड़ोसी युवती से बेटे की शादी कर रहे थे। दोनों परिवार की खुशियों में हादसे का ग्रहण लगा है। खुशियों के जगह परिवारों में मातम छा गया। एक बहन अनामिका है। बहन अनामिका और मां रेखा सचान मयंक की मौत से बदहवास दिखे। वह रोते-रोते बेहोश हो जाते रहे।

    Also Read: Malegaon blast case: Special court issues bailable warrant against Pragya Singh Thakur

    28 फरवरी को सत्यम गुप्ता की हुई थी शादी

    उधर, राधानगर का शिवम गुप्ता अपने दोस्त मयंक की सगाई में शामिल होने छत्तीसगढ़ से दो दिन की छुट्टी लेकर आया था।  उसके बड़े भाई सत्यम गुप्ता की 28 फरवरी को शादी हुई थी। वह शादी के बाद काम पर लौट गया था। बड़ा भाई सत्यम सब रजिस्ट्रार कार्यालय में संविदा पर नौकरी करता है।

    Also Read: इलेक्टोरल बॉन्ड्स मामले पर सुप्रीम कोर्ट की SBI को फटकार

    सहिमापुर वाले मित्र से मिलने जा रहे थे तीनों

    मां पुष्पा बहुआ ब्लॉक के चंदौरा प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक है। इधर, गौरांग अपने बड़े दो भाइयों शशांक और प्रशांत से छोटा था।  भाइयों और मां ऊषा सचान बिलखते दिखे। कारोबारी पिता ने बताया कि गौरांग और उसके मित्रों का एक दोस्त सहिमापुर में रहता है। सहिमापुर वाले मित्र की कुछ दिन पहले शादी हुई थी। बाहर से आए दोस्त शादी में शामिल नहीं हो सके थे। इसी वजह से मिलने जा रहे थे।

    Also Read: Mahashivratri: Celebrating the Divine Union of Shiva and Shakti

    स्कूल की दोस्ती का अंतिम समय तक साथ

    बचपन की दोस्ती में अंतिम वक्त तक साथ निभाने की कसमें सभी खाते हैं, लेकिन लंबे समय तक दोस्ती बहुत ही कम की चल पाती है। इनमें अंतिम समय तक शायद ही कोई साथ दे पाता है। कार हादसे में जान गंवाने वाले तीनों बचपन से मरने तक एक साथ रहे हैं। हादसे का शिकार मयंक, शिवम और गौरांग बचपन से एक साथ महर्षि विद्या मंदिर में पढ़ते थे।

    Also Read: Billie Eilish Becomes Youngest-Ever 2-Time Oscar Winner for Barbie

    स्कूल के दिनों में तीनों एक दूसरे के घर आते-जाते थे। एक साथ खेलते और पढ़ाई करते थे। इंटर के बाद मयंक और शिवम आईटी की तैयारी करने लगे। मयंक ने कानपुर से आईटी की पढ़ाई की। वहीं शिवम ने धनबाद आईटी कालेज से पढ़ाई कर नौकरी पाई। तीनों अपने कुछ दोस्तों के साथ हमेशा ही एक दूसरे मिलते-जुलते रहते थे। शिवम दोस्त की सगाई में शामिल होने के लिए बड़ी मुश्किल से दो दिन की छुट्टी पर आया था।

    घर से गौरांग और परिवार के लोग मयंक की सगाई में गए थे। गौरांग के पिता ने बताया कि कार का ड्राइवर पहले सभी को छोड़ गया था। करीब रात 12 बजे गौरांग घर आया और वह ड्राइवर को छोड़ गया। बेटे से ड्राइवर को ले जाने को बोला था, लेकिन वह साथ में कुछ दोस्तों के होने की बात कहकर ड्राइवर को नहीं ले गया।

    Share With Your Friends If you Loved it!