फायटर पायलट पिता-पुत्री ने एक साथ उड़ान भरकर भारतीय वायुसेना (IAF) के इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया। एयर कमाडोर संजय शर्मा और उनकी बेटी फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या वायुसेना में पिता-पुत्री की पहली ऐसी जोड़ी बन गई है, जिसने एक साथ लड़ाकू विमान उड़ाए। शर्मा ने बेटी के साथ एयर फॉर्मेशन को अपने जीवन का ‘सबसे बड़ा दिन’ बताया।
वायुसेना के फाइटर पायलट संजय शर्मा और उनकी बेटी अनन्या ने यह कमाल 30 मई को कर्नाटक के बीदर एयरबेस पर किया था, लेकिन यह घटना अब तक मीडिया की सुर्खी नहीं बनी। दोनों ने अपने अपने विमानों से उड़ान भरी और आसमान में अनूठा फार्मेशन बनाया। उनकी तस्वीरें मंगलवार को सामने आने पर यह उड़ान चर्चा में आई।
वायुसेना के एक अधिकारी के अनुसार एयरफोर्स में पिता-पुत्र द्वारा एक साथ फायटर जेट उड़ाने के कई उदाहरण हैं, लेकिन पिता-पुत्री द्वारा एक साथ उड़ान का यह पहला मामला है। अनन्या वर्ष 2021 में एक लड़ाकू पायलट के रूप में भारतीय वायुसेना में शामिल हुई थी, जबकि उनके पिता एयर कमोडोर शर्मा 1989 में वायु सेना में शामिल हुए थे।
हॉक-132 (Hawk-132)
पिता-पुत्री ने ब्रिटेन मूल के हॉक-132 (Hawk-132) अत्याधुनिक प्रशिक्षु ट्रेनर (AJTs) विमान उड़ाए। यह घटना वायुसेना में फायटर जेट पायलट के रूप में महिलाओं को शामिल किए जाने के फैसले के सात साल बाद घटी। 2016 में वायुसेना में प्रशिक्षु के तौर पर आने के बाद अनन्या ने समझ लिया था कि वह अपने जीवन का सपना पूरा करने जा रही है। इससे पहले अनन्या ने इलेक्ट्रॉनिक्स व कम्यूनिकेशन में बीटेक किया था। इसके बाद उसे वायुसेना में प्रशिक्षु पायलट के रूप में चुना गया था।
एयर कमाडोर शर्मा को मिग-21 समेत कई लड़ाकू विमान उड़ाने का बड़ा अनुभव है। अनन्या अभी हॉक ऐजेटी विमान का प्रशिक्षण ले रही है। वह स्नातक होने के बाद जल्द ही अगली पंक्ति के लड़ाकू विमानों की भी उड़ान भरेंगी। अनन्या वायुसेना अधिकारी के परिवार में पली बढ़ीं हैं, इसलिए वायुसेना की खूबियों से वह भलीभांति अवगत है। पिता-पुत्री की जोड़ी जरूरत पड़ने पर देश के दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में पीछे नहीं रहेगी।